लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कॉलेजों में ऑनलाइन एडमिशन का काम बुधवार से शुरू हो ही गया। दिनभर इंतजार के बाद करीब 3.30 बजे उच्च शिक्षा विभाग के ऑनलाइन एडमिशन की लिंक खोली। इस बार कोरोना की वजह से कॉलेज में एडमिशन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। ऐसा इंतजाम किया गया है कि छात्रों को एक बार भी प्रवेश के लिए कॉलेज नहीं आना पड़ेगा। जबकि पिछले साल तक 3 प्रक्रियाओं के लिए छात्रों को कॉलेज में आना ही पड़ता था।
इस बार सारी भीड़ कियोस्क सेंटर्स पर डायवर्ट हो जाएगी और वहां सोशल डिस्टेसिंग के लिए प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं। यहां पर सोशल डिस्टेंस रखने की जिम्मेदारी भी कियोस्क संचालक की ही होगी। जिला मुख्यालय स्थित चंद्रशेखर आजाद नोडल पीजी कॉलेज में ही 2 हजार से अधिक एडमिशन होते हैं। निजी व अन्य सरकारी कॉलेज मिला दें तो जिले में 10 हजार से ज्यादा एडमिशन होने की संभावना है। कॉलेज में भी 21 हेल्प डेस्क बनाई गई हैं।
^सभी कियोस्क और अन्य संस्थानों की जिम्मेदारी है कि अपने यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाएं। यदि कहीं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं होता या फिर गाइडलाइन का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई की जाएगी।
-विनोद कुमार चतुर्वेदी, एडीएम
यह तीन काम अब महाविद्यालय के बाहर ही होंगे
1. सत्यापन : कक्षा 10वीं और 12वीं की मार्कशीट के सत्यापन के लिए पिछले साल तक कॉलेज आना जरूरी रहता था। इस बार यह काम ऑनलाइन हो जाएगा। एमपी बोर्ड और सीबीएसई ने यह डाटा ऑनलाइन कर दिया है। तुरंत ही वेरीफिकेशन लिखा आ जाएगा।
2. लिंक : रजिस्ट्रेशन के बाद एडमिशन के लिए एक लिंक जनरेट होती है। पिछले साल तक यह काम कॉलेज में किया जाता था। सबसे ज्यादा भीड़ इसी के लिए होती थी। इस बार यूनिवर्सिटी स्तर से ही यह काम हो जाएगा। कियोस्क पर ही इसे किया जा सकता है।
3. फीस : यह भी ऑनलाइन जमा होगी। इस बार 50 फीसदी फीस जमा की जाएगी। बाकी राशि तब जमा होगी जब हालात थोड़े सामान्य होंगे और छात्र अपने मूल दस्तावेजों जैसे मार्कशीट, माइग्रेशन या टीसी आदि की फोटो कॉफी कॉलेज आकर जमा करा सकेंगे।
यह रहेगी ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया
सबसे पहले स्टूडेंट्स को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके साथ पात्रता अनुसार कॉलेज कोर्स का चयन करना होगा। इस बार 9 कॉलेजों के स्थान पर स्टूडेंट्स को 15 कॉलेजों का विकल्प चुनने की सुविधा दी गई है। यदि एमपी ऑनलाइन से ई-सत्यापन नहीं हुआ है तो दस्तावेजों का किसी भी सरकारी कॉलेज में सत्यापन कराना हाेगा। कॉलेज, कोर्स का अलॉटमेंट होने के बाद फीस भी ऑनलाइन ही जमा होगी। इससे कोरोना काल में छात्रों को खतरा नहीं रहेगा।
कॉलेज में भी तैयारी पूरी
ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान 500 से 600 छात्रों को समस्या आ सकती है। पीजी कॉलेज में इसके लिए तैयारी रखी गई है। प्राचार्य ने बताया कि कॉलेज में 21 हेल्प डेस्क बनाई गई हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए यहां गोले बनाए गए हैं, इन्हीं गोलों में विद्यार्थियों को खड़ा होना पड़ेगा। कॉलेज में प्रवेश के समय गेट पर ही छात्र के हाथ सैनिटाइज किए जाएंगे। यह देखा जाएगा कि वह मास्क पहने है या नहीं। स्टूडेंट्स और स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग से टैम्प्रेचर देखा जा रहा है। उसके बाद ही कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा।
काउंसिलिंग भी ऑनलाइन होगी
एडमिशन के पहले चरण की प्रक्रिया तो पूरी तरह ऑनलाइन होगी ही। दूसरे व तीसरे चरण में सीएलसी यानि कॉलेज लेवल काउंसलिंग भी ऑनलाइन रखी गई है। पहले चरण में स्टूडेंट्स अंडर ग्रेजुएशन (यूजी) कोर्स के पहले वर्ष में 5 से 20 अगस्त तक और पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) कोर्स के पहले सेमेस्टर में 13 से 28 अगस्त तक एडमिशन लेने के लिए एडमिशन पोर्टल https://ift.tt/2NI0TiG के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यूजी की प्रक्रिया 26 और पीजी की प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी।
विकल्प नहीं बदल सकेंगे
सीएलसी दूसरे चरण के लिए विकल्प बदलने की सुविधा नहीं दी गई है। ऐसे छात्र जो किसी कारण से यूजी सीएलसी के पहले राउंड में 13 सितंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व विकल्प नहीं दे सके, उन्हें आगे एडमिशन लेने का अवसर नहीं मिलेगा। इसलिए सीएलसी के दूसरे राउंड में 22 सितंबर को आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स उपलब्ध नहीं होने पर इनके लिए यूजी कोर्स की आरक्षित वर्ग की सीट को अनारक्षित में कन्वर्ट किया जाएगा।
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