बेस्ट प्राइज के पास बायपास लिंक रोड पर शनिवार रात जिस युवती की गला रेतकर हत्या की गई थी, पुलिस दो दिन बाद भी उसकी पहचान नहीं कर पाई और न ही हत्यारों का सुराग लगा पाई। अधिकारियों ने आधार कार्ड के ट्रैकिंग सिस्टम से उसके फिंगर प्रिंट्स का मिलान करना चाहा, लेकिन पता चला कि शव के फिंगर प्रिंट्स कड़क हो जाते हैं और ब्लड सर्कुलेशन नहीं होने से सॉफ्टवेयर डिटेक्ट नहीं कर पाता। अब तक सिर्फ यह पता चला है कि युवती को बाइक से ही घटना स्थल तक लाया गया था, लेकिन रेडिसन चौराहे पर लगे कैमरे में रिकॉर्डिंग नहीं होने से जांच अटक गई।
वहीं घटनास्थल से डेढ़ किमी के रूट पर 70 कैमरे चेक, लेकिन ट्रैफिक कंट्रोल रूम में रिकॉर्डिंग सिस्टम ठप होने से कोई सुराग नहीं मिला। शनिवार रात 3 बजे युवती का शव मिला था। उसके हाथ पर ओम गुदा था। उसने नीली जींस और लाल टी-शर्ट पहन रखी थी। अंगूठे पर एमआर, कलाई पर आरएपी, कलाई के पास एसएवी गुदा हुआ था।
अनुमान : इंदौर से बाहर की हो सकती है युवती
मामले में डीआईजी ने चार थानों खजराना, विजय नगर, लसूड़िया और कनाड़िया की टीमें बनाई हैं। इन इलाकों के सभी किरायेदारों, होस्टल्स में रहने वाली युवतियों, पेइंग गेस्ट और जिले में गुमशुदा युवतियों की जानकारी निकाली जा रही है। साथ ही मृत युवती के फोटो भी दिखाए जा रहे हैं। वहीं रक्षाबंधन होने से पुलिस को उम्मीद थी कि अगर वह आसपास की होगी तो कोई न कोई गुमशुदगी के लिए संपर्क करेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि युवती और बदमाश इंदौर से बाहर के होें, लेकिन वारदात यहां की।
डेढ़ बजे बाइक से आने का मिला सुराग, इन कैमरों को खंगाला
खजराना सीएसपी एसकेएस तोमर ने बताया कि पता चला है कि रात डेढ़ बजे के करीब युवती को संभवत: बाइक से लाया गया। बाघेला फार्महाउस से डेढ़ बजे दो बाइक जाती दिख रही हैं। फिर टीम ने राजबाग गार्डन के कैमरे खंगाले, वहां के बाद बायपास को लिंक करने वाले लाभ गंगा गार्डन, द पार्क होटल के कैमरे, एडवांस एकेडमी स्कूल के कैमरे, स्टार चौराहे के पास नगर पालिका के सार्वजनिक शौचालय, रेडिसन चौराहे, शहीद नरेंद्र सिंह चंद्रावत पेट्रोल पंप के कैमरे, झलारिया रोड पर खजराना की ओर जाने वाले सलीम मंसूरी कबाड़ी के घर का कैमरा, साईंश्रद्धा के इधर एमआर-9 के कैमरे चेक करते हुए विजय नगर चौराहे तक कैमरे खंगाले।
ट्रैफिक के आरएलवीडी और सर्विलांस कैमरे भी दे गए धोखा
हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटे पूर्वी क्षेत्र के पुलिस अधिकारी एक बार फिर अपने ही विभाग की लापरवाही से हार गए। अफसरों को सबसे ज्यादा उम्मीद रेडिसन चौराहे पर लगे ट्रैफिक के आरएलवीडी और सिटी सर्विलांस कैमरों से उम्मीद थी, लेकिन जब जांच कर रही एक टीम के कुछ लोग ट्रैफिक कंट्रोल रूम में कैमरे की रिकॉर्डिंग चेक करने पहुंचे तो केवल कैमरे चालू मिले। वहां का रिकॉर्डिंग सिस्टम ठप था। इससे पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला। भास्कर ने पूर्व में भी इस अव्यवस्था पर मुद्दा उठाया था। शहर के 80 प्रतिशत कैमरे बंद होने की जानकारी अफसरों को दी थी, लेकिन सुधार का बोलकर अफसर टाल गए थे। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के 12 से ज्यादा प्रमुख चौराहों के कैमरे आज भी बंद हैं, लेकिन अधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे। यह मामला भी शहर के लिए एक और मर्डर मिस्ट्री बन गया है।
रेस्टोरेंट, कैफे, पान दुकान पर भी तलाश
देर रात एसपी विजय खत्री ने युवती को लेकर कैफे, रेस्टोरेंट, पान दुकानों पर भी सर्चिंग के लिए टीमें भेजीं। सभी को फोटो दिखाकर उसके बारे में पूछताछ की। सोशल मीडिया पर जानकारी प्रसारित की।
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