शहर को कचरामुक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा करीब 71 करोड़ की लागत से स्वीकृत हुए एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट का लोकार्पण रविवार को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्रसिंह द्वारा किया गया। धामौनी रोड पर मसवासी ग्रंट में स्थित इस प्लांट में कचरे से खाद भी बनाई जाएगी।
मंत्री सिंह ने कहा कि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में अब तक इंदौर, भोपाल, जबलपुर और कटनी में इस तरह के प्लांट संचालित हैं, लेकिन उन सब में भी हमारे सागर का यह प्लांट आधुनिकतम उपकरणों और मशीनों से लैस है। यह प्लांट पूरे संभाग को कचरा मुक्त बनाएगा। गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग तरीके से सेग्रीगेट कर इससे खाद तैयार की जाएगी। कार्यक्रम को सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक शैलेन्द्र जैन और प्रदीप लारिया ने भी संबोधित किया।
प्लांट पर ऐसे होगा काम
सागर जिले सहित संभाग की 10 नगर पालिकाओं से कचरा संग्रह किया जाएगा। डोर-टू-डोर कचरा गाड़ियों से कचरे का कलेक्शन करते हुए मसवासी ग्रंट तक पहुंचाया जाएगा। जहां गीले-सूखे कचरे को वैज्ञानिक विधि से खाद बनाने के लिए प्रोसेसिंग की जाएगी। उधर, प्लास्टिक कचरे को सेपरेट तरीके से नष्ट किया जाएगा। प्लास्टिक कचरे को प्रोसेस कर रॉ-मटेरियल तैयार होगा। कचरे से बनी खाद स्थानीय स्तर पर किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्लांट में एनीमल कारकस प्लांट भी यहां लगाया गया है, जहां मृत मवेशियों के शवों को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज किया जाएगा। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन कमिश्नर निकुंज श्रीवास्तव समेत, संभागायुक्त जेके जैन, कलेक्टर दीपक सिंह, नगर निगम आयुक्त आरपी अहिरवार, सीईओ स्मार्ट सिटी राहुलसिंह राजपूत, भावेश मल्होत्रा, अमित दुबे आदि मौजूद थे।
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