ग्वालियर में हाेने वाले बिजली फाॅल्ट में बड़ा याेगदान गिलहरी, पक्षी और जानवराें का है। दो दिन पहले सांप के लाइन पर चढ़ने से फाॅल्ट हुआ ताे शुक्रवार काे रामपुरी फीडर पर स्थित हाईटेंशन लाइन पर एक बंदर के चढ़ जाने से करीब एक घंटे तक बिजली गुल हो गई। इस फॉल्ट को मैन्युअली ढूंढ़कर ठीक किया गया। बिजली कंपनी फॉल्ट ढूंढ़ने के लिए स्काडा सिस्टम का उपयोग नहीं कर रही है।
जबकि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शहर में बिजली ट्रिपिंग और फॉल्ट कम करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सिटी सर्किल में चार स्थानीय कॉल सेंटर खोलकर शिकायतों का निराकरण करने के लिए कहा है। दिक्कत ये है कि जब तक स्काडा सिस्टम फॉल्ट को ट्रेस करना शुरू नहीं करेगा तब तक बिजली कटौती की शिकायतों का निराकरण जल्द नहीं हो सकता।
एक्सपर्ट व्यू.. शहर को स्काडा से जाेड़ें
स्काडा का मूल काम तो बिजली फॉल्ट को ट्रेस करना ही है, लेकिन यह काम ही नहीं कर पा रहा है क्योंकि 4जी के जमाने में या 2जी नेटवर्क से इसे संचालित किया जा रहा है। बेहतर होगा कि स्काडा को 4जी कनेक्टिविटी से जोड़कर फॉल्ट ट्रेसिंग शुरू कराई जाए और इसके लिए अतिरिक्त पैसा भी खर्च नहीं होगा। 7 से 10 दिनों की टेस्टिंग के बाद पूरे शहर को स्काडा ट्रेसिंग से जोड़ा जा सकता है।
राजहंस सेठ, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, बिजली कंपनी
जल्द शुरू करेंगे स्काडा की टेस्टिंग
स्काडा की टेस्टिंग जल्द शुरू होगी। कुछ चुनिंदा 10 स्थानों पर टेस्टिंग के लिए बिजली सप्लाई 1 से 2 घंटे के लिए बंद करना होगी, उसके लिए परमिट मांगा गया है। परमिट मिलने पर हम टेस्टिंग शुरू करा देंगे।
-पीके हजेला, उप महाप्रबंधक बिजली कंपनी
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