उद्यानिकी विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर रामबाबू राजोदिया को सवा लाख की रिश्वत लेते पकड़ने वाली लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के मामले में नया मोड़ आ गया है। रामबाबू की पत्नी मिशा राजोदिया ने लोकायुक्त संगठन में शपथ-पत्र देकर विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेन्द्र कुमार राजौरिया पर फंसाने के आरोप लगाए हैं। इसे साजिश करार देने के साथ ही नए सिरे से जांच की मांग की है। लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने रिश्वत लेते समय कमरे में मौजूद होने के बावजूद राजौरिया को छोड़ दिया था।
मिशा ने 20 अगस्त को दिए शपथ-पत्र के साथ शिकायत की है। इसके मुताबिक रामबाबू को जबलपुर में उनके घर पर लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था। नमामि देवी नर्मदे के बकाया भुगतान के कमीशन के सवा लाख रुपए मांगे गए थे। ये राशि उनके पति ने राजेन्द्र के लिए ली थी। राजेंद्र ही नमामि देवी नर्मदे के भुगतान प्रभारी थे। हमारे घर पर नर्सरी संचालक को बुलाया गया था। राजौरिया ने फोन किया था। लोकायुक्त पुलिस ने जब छापा मारा, तब राजौरिया कमरे में थे। लेकिन लोकायुक्त ने उन्हें छोड़ दिया। केवल मेरे पति को आरोपी बनाया। इस मामले की जांच हो। असल दोषी पर कार्रवाई हो। लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई 29 सितंबर को हुई थी। इस दिन की कॉल डिटेल की जांच हो।
शपथ-पत्र में नए तथ्य मिलेंगे तो होगी कार्रवाई
इस मामले की जानकारी मिली है। शपथ पत्र में कोई नए तथ्य मिलते हैं तो निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी। जो भी दोषी है, उन पर कार्रवाई करेंगे।
संजय राणा, डीजी लोकायुक्त
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