कोरोना काल को आज 22 अगस्त को पांच महीने पूरे हो रहे हैं। इन 105 दिनों में जिले में कोरोना संक्रमण के कुल 550मरीज निकल कर सामने आए। हालांकि इसमें 514 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंच गए हैं। वर्तमान में एक्टिव मरीजों की संख्या 32 है। हालांकि इस दौरान कोरोना के तीन मरीजों की मौत भी हुई। लेकिन यह सभी जिले से बाहर दूसरे शहरों में चिह्नित होने के बाद वहां उपचार करा रहे थे।
खास बात यह है कि कोरोना संक्रमण काल के इन पांच महीनों में लोगों की जीवन शैली में आमूलचूल परिवर्तन आया। अभिवादन के ढंग (हाथ मिलाने की जगह नमस्ते) से लेकर पिट्ठू बैग में पानी की बोतल के स्थान पर सेनेटाइजर शिफ्ट हो गया। यहां बता दें कि कोरोना को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का एलान किया था। इसके बाद 23 और 24 को स्थानीय स्तर पर कलेक्टर ने कर्फ्यू लगाया और 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन लग गया। जो कि 1 जून को खुला।
इसके बाद पटरी पर जिंदगी को लाने के लिए धीरे-धीरे रियायतें दी गई जो कि अब तक जारी हैं। लेकिन इन पांच महीनों में ज्यादातर लोगों ने अब कोरोना को जिंदगी के साथ ढालना शुरू कर दिया है। यही वजह यह है कि चेहरे पर मास्क जहां लोगों की आदत में आ गया है। वहीं अब लोग भीड़-भाड़ वाली जगह से परहेज कर रहे हैं।
बिना लक्षण के मिले ज्यादातर मरीज, अब लोग नहीं दे रहे सैंपल
अफसरों की माने तो जिले में ज्यादातर मरीज बिना लक्षण वाले सामने आए हैं, ऐसे में लोगों में भ्रांति फैल गई है उन्हें जानबूझकर कोरोना संक्रमित बताया जा रहा है। स्थिति यह है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सैंपल देने में हिचक रहे हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग को रेंडम सैंपलिंग कराना पड़ रही है। वहीं जो मरीज सामने आते हैं वे यह मानते को तैयार नहीं होते कि उन्हें कोरोना हुआ है। ऐसे में वे अस्पताल आने और अपनी कांटेक्ट हिस्ट्री बताने से भी परहेज करते हैं, जिससे अब स्वास्थ्य विभाग के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि रेंडम सैंपलिंग में भी ज्यादातर सैंपल एक्टिव पर्सन के किए जा रहे हैं।
पांच महीने से लगातार चल रहा सीएमएचओ दफ्तर
कोरोना काल में सबसे ज्यादा मेहनत किसी ने की है तो वह हमारे डाक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारी और नपा का अमला है। खास बात तो यह है कि इन पांच महीनों से स्वास्थ्य विभाग की टीम के लगातार दिनों-रात कार्य करने की बदौलत ही भिंड जिला का रिकवरी रेट प्रदेश में सबसे अच्छा 94 प्रतिशत चल रहा है। बताया जा रहा है कि पिछले पांच महीने से सीएमएचओ दफ्तर एक भी दिन के लिए बंद नहीं हुआ है। शासकीय अवकाश से लेकर त्योहार के दिनों में भी यहां कामकाज चला है। 22 मार्च से 31 मई तक चले लॉकडाउन में कोरोना ज्यादा असर नहीं कर पाया। लेकिन अनलॉक होते ही उसने तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाया।
7 नए मरीज मिले, इनमें बिजपुरी में एक ही परिवार के 5 लोग शामिल, अब कुल 550 मरीज
शहर से सटे ग्राम बिजपुरी में शुक्रवार को कोरोना का ब्लास्ट हुआ है। यहां एक ही परिवार के 5 सदस्य कोरोना संक्रमित मिले हैं। हालांकि ये सभी अलग-अलग घरों में रहते हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बिजपुरी गांव से रेंडम में 50 लोगों के सैंपल लिए, जिन्हें जांच के लिए ग्वालियर की जीआरएमसी की बायरोलॉजिकल लैब में जांच के लिए भेजा गया, जिसमें तीन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जबकि दो सैंपल ट्रूनेट मशीन पर पॉजिटिव आए हैं। इस प्रकार से बिजपुरी गांव में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 हो गई है। जबकि फूप के वार्ड 12 से 49 सैंपल में एक 55 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
शेष सभी सैंपल निगेटिव आए हैं। इसके अलावा ग्वालियर में सुनारपुरा गांव के एक वृद्ध की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। कोरोना पॉजिटिव मिले नए मरीजों में दो महिलाएं और एक युवती है। जबकि शेष पुरुष हैं। यहां बता दें कि शुक्रवार को आलमपुर के चार पुराने मरीज स्वस्थ हो गए हैं । इस प्रकार से कुल स्वस्थ मरीजों की संख्या अब 514 हो गई है। सीएमएचओ डॉ अजीत मिश्रा ने बताया कि गांवों में रेंडम सैंपलिंग करा रहे हैं। लेकिन लोग कांटेक्ट हिस्ट्री बताने में संकोच कर रहे हैं।
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