लॉकडाउन खत्म होते ही अपराधों का ग्राफ बढ़ेगा पुलिस को यह पहले से ही अंदेशा हो गया। इसके चलते एक जून से पुलिस ने सबसे पहले थानावार बदमाशों की जानकारी जुटाई और जिनके तीन से अधिक आपराधिक रिकार्ड थे उनकी हिस्ट्रीशीट खोलना शुरू कर दी। एक महीने में डेढ़ सौ बदमाशों की एचएस फाइल खोल कर उन पर नकेल कसी गई। इसी बीच दूसरा काम स्थायी वारंटियों की धरपकड़ का रहा जिसमें पुलिस ने एक महीने के दौरान 64 उन स्थायी वारंटियों को पकड़ा जो कई सालों से फरार थे और उन पर इनाम भी घोषित था। इस अभियान के तत्काल बाद पुलिस ने एक जुलाई से नया अभियान जुआ-सट्टा व नशे के कारोबारियों के विरूद्ध शुरू कर दिया है।
एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस मुख्यालय के अलर्ट के चलते बिना समय गंवाए बदमाशों की जो घेराबंदी शुरू की गई उसकी बदौलत कई बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोल उनकी निगरानी शुरू करायी गई। स्थायी वारंटियों की धरपकड़ में एक महीने में जो 64 बदमाश पकड़ में आए उनमें कई तो 10 साल से अधिक समय से फरार थे और शहर छोड़ने के बाद अन्य जगह छिपकर रहते हुए अपराध कर रहे थे। एसपी सिंह ने कहा कि एक जुलाई से नए अभियान की शुरूआत की गई जिसमें थानावार जुआ-सट्टा व नशे का अवैध कारोबार करने वालों को घर-घर जाकर चेक किया जा रहा है। उन्हें सख्त चेतावनी दी जा रही है कि अगर इस तरह की गतिविधि चोरी-छिपे भी कर रहे थे तो बंद कर दे नहीं तो पकड़े जाने पर रासुका व जिलाबदर जैसी बड़ी कार्रवाई उनके खिलाफ की जाएगी।
वाहन चोरी, लूट, नकबजनी के 52 मामले सुलझाए
एक महीने के दौरान जिले में चोरी के 13, नकबजनी के 10, लूट के 10 और वाहन चोरी के 19 मामलों में पुलिस को सफलता मिली साथ ही एक करोड़ की बरामदगी हुई। नानाखेड़ा क्षेत्र की चोरी की रिपोर्ट में तो फरियादीने 10 लाख रुपए के करीब जाना बताए थे जबकि बदमाशों से पुलिसने 33 लाख रुपए की रिकवरी की।
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