इस साल अखिल विश्व गायत्री परिवार सार्थक पर्यावरण गणेश उत्सव मनाएगा। इसमें 8 औषधीय पौधों के साथ मिट्टी की गणेश प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह सार्थक प्रयास प्रकृति को संतुलित करेगा। साथ ही नदी-तालाबों को भी प्रदूषित होने से बचाएगा।
यह सार्थक होगा गायत्री परिवार की नई पहल लघु आरोग्य वाटिका से। इसे सार्थक पर्यावरण गणेश उत्सव नाम दिया है। इसमें मिट्टी की गणेश प्रतिमा के साथ गमलों में 8 औषधीय पौधे दिए जाएंगे। अलग-अलग गमलों में ये औषधीय पौधे रोपकर गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करेंगे। अनंत चतुर्दशी पर गमले में ही मिट्टी की प्रतिमा का विसर्जन करेंगे। कुछ दिन बाद औषधीय पौधों के फूल-पत्तों के उपयोग से विभिन्न प्रकार के रोग दूर होंगे। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से कोरोना संक्रमण से बचाव होगा। गायत्री परिवार के मनोज तिवारी ने बताया कोरोना काल में हर व्यक्ति ने स्वास्थ्य की चिंता की। यह 8 औषधीय पौधे सभी बीमारियां दूर करेंगे। अब तक श्रद्धालु औषधीय पौधों के साथ मिट्टी की 40 प्रतिमाएं ले जा चुके हैं।
जिलेभर में स्थापित होगी 5000 प्रतिमाएं
कोरोना संक्रमण काल में गणेश चतुर्थी पर जिलेभर के 5000 से ज्यादा घरों में भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 3500 से ज्यादा प्रतिमाओं की बुरहानपुर शहर व आसपास के क्षेत्रों में स्थापना होगी। नेपानगर क्षेत्र में 1000, खकनार व अन्य क्षेत्रों में 1000 से ज्यादा प्रतिमाएं स्थापित करेंगे।
जानिए इन आठ पौधों के औषधीय गुण
गिलोय- इससे बुखार, वात, पित्त, कफ दूर होता है।
तुलसी- पत्ते व बीज के सेवन से सर्दी, खांसी, जुकाम, कान और दांत का रोग दूर हाेता है।
कढ़ी पत्ता- शारीरिक विषाक्त फैलने से रोकता है। कोलेस्ट्रोल कम कर आंखों की रोशनी बढ़ाता है।
अदरक- कब्ज, जुकाम दूर कर शहद के साथ लेने से खांसी और गले का इंफेक्शन दूर होता है।
पत्थर चट्टा- किडनी के रोग, पथरी की समस्या, अल्सर व पेट में कीड़े खत्म करता है।
हल्दी- दूध में सेवन से सर्दी, जोड़ों का दर्द, मुंह की दुर्गंध दूर कर खून साफ करती है।
एलोवीरा- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर मधुमेह, पेट की बीमारियों को दूर कर त्वचा साफ करता है।
आज्ञा घास- काढ़ा पीने से सर्दी, जुकाम, रस के पानी के साथ कुल्ला करने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है।
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