टोटल लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं। सब्जियों के नुकसान के बाद अब किसानों केला फसल बचाने व बेचने की चिंता सता रही है। समय पर तुड़ाई न होने से केले जमीन पर गिरकर फटने लगे हैं। हाल ये है कि विदेश में निर्यात होने वाले केले को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। किसान राधेश्याम गेहलोत ने ग्राम करी स्थित खेत में 18 एकड़ में केला लगाया था। इसकी लागत 25 से 30 लाख रुपए आई। गेहलोत ने बताया पौधों से केले गिरने लगे हैं। केले को अंगुलियों से ठोकने पर छिलका फट रहा है। कुछ दिन और बिक्री नहीं हुई, तो पूरी फसल खराब हो जाएगी।
लॉकडाउन से पहले था 12-13 रु. किलो भाव
लॉकडाउन से पहले इसका भाव 12 से 13 रुपए किलो था। केले की क्वालिटी बेहतर होने से उन्हें बेहतर दाम मिलने की उम्मीद थी। उन्होंने बताया व्यापारी किसानों से डेढ़ से दो रुपए के भाव में खरीदारी कर बड़े शहरों की मंडियों में 30 से 40 रुपए किलो बेच रहे हैं। उन्होंने शासन से मांग की स्थानीय स्तर पर किसानों से केले खरीदकर वाजिब दाम दिलाया जाए, पिछले साल इराक, दिल्ली, मुंबई, इंदौर सहित बड़े शहरों में केला निर्यात हुआ था।
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