नेपानगर तहसील के ग्राम घाघरला के रहने वाले 27 मजदूर शनिवार रात नेपानगर पहुंचे। बड़वाह प्रशासन ने उन्हें बस से यहां भिजवाया। इन मजदूरों को रात में नेपा ऑडिटोरियम में लगाए गए राहत कैंप में रखा गया। दूसरे दिन रविवार सुबह उन्हें गांव रवाना किया गया।
ये सभी मजदूर घाघरला से गेहूं काटने के लिए खरगोन जिले की बड़वाह तहसील गए थे लेकिन लॉकडाउन में वहीं फंस गए थे। इनमें महिला-पुरुषों के साथ बच्चे भी थे। बड़वाह के एसडीएम मिलिंद ढोके ने लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को सचिव जितेंद्र पवार के साथ प्रशासनिक स्तर पर बस करवाकर रवाना किया। प्रशासन द्वारा रात में उन्हें नेपा ऑडिटोरियम में रखा गया। यहां एसडीएम विशा माधवानी, तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर और नगर पालिका सीएमओ राजेशकुमार मिश्रा ने उनके भाेजन-पानी और ठहरने की व्यवस्था कराई। दूसरे दिन उन्हें घाघरला के लिए रवाना किया गया। यहां उन्हें गांव के बाहर स्कूल या छात्रावास में क्वारंटाइन किया जाएगा। प्रशासन द्वारा बाहर से मजदूरों को लाने का जिले में यह पहला मामला सामने आया है। ऐसा ही हर जिले में प्रयास हो तो बाहर फंसे सैकड़ों मजदूर अपने घर पहुंच सकते हैं। इधर गांव रवाना होने से पहले रविवार सुबह सभी मजदूरों को हेल्प द पुअर ग्रुप के सदस्यों ने चाय-नाश्ता कराया। ग्रुप सदस्यों द्वारा लाॅकडाउन में लोगों की लगातार मदद की जा रही है।
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