इंदौर.पति से विवाद के बाद तीन दिन पहले घर से निकली महिला ट्रैफिक पुलिस और सूबेदार की सूझबूझ से अपने घर सुरक्षित पहुंच गई। बंगाली चौराहे पर जब ट्रैफिक पुलिस और सूबेदार जरूरतमंदों को भोजन सामाग्री बंटवा रहे थे, तभी एक महिला पर नजर पड़ी, वहां बैठे लोगों से वह अलग थी। वह कुछ बोली नहीं, लेकिन उसके हाथ पर लिखे नंबर को सूबेदार ने लगाया। पता चला कि पति से विवाद के बाद वह तीन दिन पहले घर से चली गई है। तभी से भटक रही है। सूबेदार और सिपाहियों की सूझबूझ से वह महिला आखिरकार अपने घर पुहंच गई।
ट्रैफिक सूबेदार काजिम रिजवी और उनके दो आरक्षक गजेंद्र सिंह व प्रदीप शर्मा ने सुदामा नगर से सोमवार शाम को बिना बताए घर से निकली 29 वर्षीय महिला कोउसके परिजन से मिलवाया। रिजवी ने बताया कि गुरुवार दोपहर को आरक्षक गजेंद्र सिंह और प्रदीप शर्मा बंगाली चौराहे पर आई गाड़ी से गरीबों को भोजन बंटवा रहे थे। तभी उनकी नजर उस महिला पर पड़ी। उससे भोजन-पानी का पूछा तो वह कुछ बोली नहीं। उसे देखकर आरक्षकों को शंका हुई तो उससे नाम-पता पूछा, लेकिन वह कुछ बोली नहीं। इस पर सिपाहियों ने रिजवी को जानकारी दी। रिजवी भी महिला के पास पहुंचे। देखा तो उसके हाथ पर एक नंबर था। उसे लगाया। फोन महिला के पतिने रिसीव किया। गुम पत्नी के मिलने की जानकारी मिलते ही वह खुशहो गया। फिर रिजवी को बताया कि घर में किसी विवाद को लेकर पत्नी गुस्सा होकर घर से चली गई थी। तभी से उनका पूरा परिवार उसे खोज रहा है। उसकी अन्नपूर्णा थाने में गुमशुदगी भी दर्ज करवाई है। फिर महिला का पति, भाई और पिता तीनों बंगाली चौराहे पर पहुंचे। पिता को देखकर वह फूट-फूटकर रोई। हालांकि वह बेहद कमजोर होने के कारण यह नहीं बता पाई कि दो दिन तक वह कहां रही। सूबेदार ने उन्हें बेटी को ले जाकर अन्नपूर्णा थाने में जानकारी देने और फिर मेडिकल चेकअप व स्क्रीनिंग की सलाह दी। बेटी को देखकर पिता और पति भी खूब रोए।
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