जिला अस्पताल में आने वाले केस की मेडिकोलीगल रिपोर्ट ऑनलाइन करने का काम फिर रुक गया है। ऑनलाइन रिपोर्ट के लिए विशेष पोर्टल बनाया है, इस पोर्टल पर जांच के बाद रिपोर्ट को डॉक्टर ऑनलाइन कर सकते हैं लेकिन, रिपोर्ट ऑनलाइन नहीं हो पा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना काल के कारण ऐसा हुआ है, जल्द ही रिपोर्ट दोबारा ऑनलाइन होगी।
अस्पताल में रिपोर्ट बनाने के लिए अलग से कक्ष भी तैयार किया गया है। डॉक्टर आईडी से पोर्टल में किसी हादसे के पीड़ित की मेडिकोलीगल रिपोर्ट ऑनलाइन बनाकर सब्मिट करेंगे, तो वह संबंधित पुलिस थाने तक तत्काल पहुंच जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई भी आसानी से हो सकेगी। अस्पताल में रिपोर्ट बनना शुरू हो गई थी, लेकिन अब काम फिर रुक गया है।
25 से ज्यादा एमएलसी राेज होती है
इधर, जिला अस्पताल में 20 से 25 एमएलसी बन जाती है। इसमें भी त्योहारी सीजन में ये संख्या बढ़कर 50 तक भी पहुंच जाती है। ऑनलाइन रिपोर्ट बनाने में करीब आधे से एक घंटे का समय लगता है। ऐसे में रात में दो प्रकरण आने पर डॉक्टरों को भी मुसीबत है।
कोरोना काल के कारण काम नहीं हो पा रहा
कोरोना काल के कारण सभी जगह पर यह काम नहीं हो पा रहा है। व्यस्तता भी ज्यादा है। हम जल्द से जल्द दोबारा शुरू करने वाले हैं।
- डाॅ. भरत निनामा,
हड्डी रोग विशेषज्ञ व नोडल
रिपोर्ट ऑनलाइन होने से ये मिलेंगे फायदे
समय - पोस्टमार्टम या एमएलसी रिपोर्ट तत्काल ऑनलाइन पुलिस को मिल जाएगी।
पारदर्शिता- पोस्टमार्टम के तत्काल बाद रिपोर्ट सबमिट करनी होगी। फिर इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। पीएमआर एवं एमएलआर का समय दर्ज रहेगा।
गफलत- हाथ से लिखी पीएमआर एवं एमएलआर में शब्दों को लेकर गफलत हो जाती है। यह स्पष्ट रहेगी।
आरोप- वर्तमान में रिपोर्ट प्रभावित करने या छेड़छाड़ के आरोप लगते हैं। ऐसी संभावनाएं भी नहीं रहेंगी।
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