
राजस्थान के कोटा में पढ़ रहे विद्यार्थियों को प्रदेश सरकार ने बसों से वापस बुलाया। उसी तरह प्रदेश के आदिवासी जिलों के मजदूरों को दूसरे राज्यों से वापस लाना चाहिए। वहां रहने वाले प्रदेश के आदिवासी मजदूरों की हालत दयनीय हो गई है। उनके पास पैसे और अनाज दोनों नहीं है। ऐसी विषम परिस्थिति में उन्हें उनका घर तक पहुंचाना जरूरी हो गया है।
विधायक ग्यारसीलाल रावत ने बुधवार को प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान व महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर ये मांग की है। प्रदेश के सीएम चौहान को लिखे पत्र के अनुसार बड़वानी, खरगोन, झाबुआ, धार आदि आदिवासी जिलों के मजदूर महाराष्ट्र, गुजरात और तेलंगाना में फंसे हैं उन्हें वापस लाया जाए। मंगलवार को राजस्थान के एक श्रमिक की पैदल आने के दौरान रास्ते में मौत हो चुकी है। वहीं जिले में मनरेगा के कार्य शुरू करवाने की मांग की गई। ताकि ग्रामीणों को उनके गांव में रोजगार मिल सके।
महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को सीमा तक छोड़े
महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे को लिखे पत्र के अनुसार महाराष्ट्र के चीनी मजदूरों को उनके गांव में छोड़ा जा रहा है। उसी प्रकार मध्य प्रदेश के हजारों मजदूरों को भी प्रदेश की सीमा तक छोड़ने की व्यवस्था महाराष्ट्र शासन करे। सीमा पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया जा सके।
गुजरात से सतना जा रहे 5 मजदूरों को कराया भोजन
नगर में गुजरात के अंकलेश्वर से सतना के लिए पैदल जा रहे पांच मजदूर निकले। यहां इन्हें समाजसेवियों ने भोजन कराया। मजदूरों ने बताया कि वे 14 अप्रैल से पैदल चल रहे हैं। अब तक 300 किमी का पैदल सफर कर चुके हैं। नगर के बस स्टैंड चौराहे पहुंचने पर यहां नगर के समाजसेवियों ने उन्हें रोककर भोजन कराया। साथ ही भोजन सामग्री दी ताकि उन्हें रास्ते में काम आ सके। मजदूरों ने बताया कि बॉर्डर सील होने से अन्य रास्तों से चलकर यहां तक पहुंचे हैं। इस दौरान निवाली के इकबाल, दिनेश गिरनार, मुन्ना राठौड़, मनोज वाणी, जितेंद्र राठौर, शेखर शर्मा, राजू भावसार ने भोजन कराया।
जरूरतमंद मजदूरों व राहगीरों को खिलाई दाल-बाटी
सेवा भारती समिति जुलवानिया के सदस्य दोनों समय गांव में रहने वाले मजदूर एबी रोड से गुजरने वाले जरूरतमंदों को भोजन करा रहे हैं। सदस्य एक माह से सेवा कर रहे हैं। बुधवार को मजदूरों व राहगीरों को दाल-बाटी खिलाई। इसके लिए दीपक पटेल ने भिंडी व चतुरफली की सब्जी का पैकेट दिया। मंशाराम पंचोली ने प्याज की व्यवस्था की। विपिन साहू ने गैस टंकी सेवा कार्यालय में भेजी। साथ ही 30 लीटर छांछ का रायता बनाया गया। रोजाना 300 से ज्यादा भोजन पैकेट तैयार कर शाम 7 बजे से रात 11.30 बजे तक वितरित किए जा रहे हैं। वहीं बुधवार को दाल-बाटी खिलाई गई।
5 दिन से सब्जियों का नि:शुल्क वितरण कर रहे युवा
लॉकडाउन में गरीब वर्ग के सामने कई तरह की समस्याएं आ रही है। मुसीबत के समय में कई सामाजिक संगठन जरूरतमंद व गरीब लोगों की मदद के लिए भी सामने आए हैं। मौलाना आजाद मार्ग के युवक 15 दिनों से ये काम कर रहे हैं। युवा बाजार से सब्जी खरीदने के बाद पैकेट बनाते हैं। शहर में घूमकर सभी वर्गों के लोगों को सब्जियां नि:शुल्क वितरित कर रहे हैं। कर्फ्यू लगने के बाद जब शहर में सब्जियों की किल्लत होने लगी थी तब युवाओं ने यह कदम उठाया। युवा अब भी इसका वितरण कर रहे हैं। इसमें वार्ड 11 के वली शेख, सलीम पठान, हकीम शेख, हाजी कालू कुरैशी, समीर शेख आदि सहयोग कर रहे हैं
और इधर... कंट्रोल रुम पर फोन कर 229 लोगों ने ली सलाह
कोरोना वायरस के मद्देनजर जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रुम बनाया गया है। अभी तक 1528 लोगों ने फोन कर इस सेवा का लाभ लिया है। जिला कंट्रोल रूम प्रभारी मुकेश मालवीय ने बताया बुधवार दोपहर 2 बजे तक 1528 लोगों ने फोन किया। इसमें से 229 लोगों ने अपना व परिजनों के स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देकर डाॅक्टर से सलाह ली। वहीं 203 लोगों ने अपने स्वयं के घर या आसपास में दूसरे राज्यों या विदेशों से आने वाले लोगों की जानकारी दी। 102 लोगों ने उनके आसपास दुकानें खुली होने, भीड़ इकट्ठा होने, 298 लोगों ने जिले से बाहर जाने की अनुमति के लिए, 587 लोगों ने उनके भोजन की व्यवस्था कराने और 13 लोगों ने परिजनों को दूसरे राज्य से बुलाने की अनुमति दिलवाने के लिए फोन किया। जबकि 126 लोगों ने अन्य व्यक्तिगत कारणों से फोन किया।
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