शहर में बढ़ते कोरोनावायरस के प्रभाव को कम करने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा शव के निराकरण के संबंध में नए आदेश जारी किए गए है। आदेश के अनुसार अब कोरोनावायरस या अन्य किसी भी बीमारी से अस्पताल में मौत होने पर शव को मृतक के घर ले जाने के बजाय सीधे शमशान घाट या कब्रस्तान ले जाया जाएगा।
गुरुवार को जारी आदेश में कहा गया है कि कुछ स्थानों पर कोरोना पॉजिटिव मरीज इसलिए सामने आए क्योंकि वे कोरोना पॉजिटिव मृतक के जनाजे या शवयात्रा में शामिल हुए थे। शहर में आगे से ऐसी घटना ना हो इसलिए शवयात्रा और जनाजे में 5 से ज्यादा व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे।
- अस्पताल में किसी भी बीमारी से मरने पर शव को इंदौर जिले से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं रहेगी। यदि बाहर के कोरोना संदिग्ध जिनका उपचार इंदौर में चल रहा है उनमें से किसी की मौत होती है तो संबंधित अस्पताल स्टाफ और प्रशासन के अधिकारी परिजनों को समझाईश देकर इंदौर में ही अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
- सरकारी अथवा प्रायवेट अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर अपने ज्ञान या बुद्धि का उपयोग करते हुए मृत्यु के कारणों की गलत प्रमाणीकरण करेंगा एवं इस आधार पर कोई पार्थिव देह इंदौर जिले से बाहर जाती है तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसका पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
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