काेराेनावायरस संक्रमण के कारण इंदाैर में गुरुवार सुबह एक डाॅक्टर की माैत हाे गई। रूपराम नगर में रहने वाले 62 वर्षीय डाॅ. शत्रुघ्न पंजवानी जनरल फिजिशियन थे और प्राइवेट प्रैक्टिस करते थे। काेराेना के चलते किसी डाॅक्टर की देश में यह पहली माैत है। एमजीएम अस्पताल ने बुधवार रात काेविड-19 के मरीजाें की सूची जारी की थी, जिसमें डाॅ. पंजवानी का भी नाम था। उनमें काेराेना के लक्षण थे, लेकिन प्रशासन काे अभी पता नहीं चला है कि उन्हें संक्रमण कैसे हुआ। चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमएचओ) डाॅ. प्रवीण जड़िया ने कहा, ‘लगता है कि इलाज के दाैरान वह किसी संक्रमित के संपर्क में अाए थे। उनके संक्रमण का स्राेत पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’ उनके अलावा साउथ तोड़ा निवासी 44 वर्षीय एक अन्य मरीज ने भी दम तोड़ दिया। इन्हें मिलाकर इंदौर के मृतकों का अांकड़ा अब 23 हो गया। वहीं गुरुवार को ही 22 नए पॉजिटिव भी मिले हैं। यानी कुल 235 मरीज हो चुके हैं।
हालांकि राहत की बात ये है कि 12 और मरीज स्वस्थ हो गए हैं। शुक्रवार को इन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इससे पहले 15 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। यानी स्वस्थ होने वालों की संख्या भी 27 हो गई है। अगर एमजीएम मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट देखें तो दूसरा एक और सकारात्मक पहलू सामने आया। शहर के 256 मरीजों के सैंपल में से 222 की रिपोर्ट निगेटिव आई। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के मुताबिक, बुधवार को 199 सैंपल में से 28.64% यानी 57 पॉजिटिव आए थे। गुरुवार को ये आंकड़ा घटकर 13.18% रह गया।
ये नए पॉजिटिव
संत नगर निवासी 58 वर्षीय महिला, हाजी कॉलोनी के 52 वर्षीय पुरुष, मल्हारगंज के 42 वर्षीय पुरुष, सिद्धि विनायक अस्पताल के पास रहने वाले 50 वर्षीय पुरुष, टाटपट्टी बाखल की 18, 38, 42 साल की महिलाएं। 50 साल के पुरुष, सुदामा नगर की 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला व 55 वर्ष के बुजुर्ग, मोहनपुरा की 46 वर्ष की महिला, चंदन नगर के 72 वर्षीय बुजुर्ग, नयापुरा के 58 वर्षीय बुजुर्ग, मदिना नगर के 55 वर्ष के बुजुर्ग, आलापुरा के 42 वर्षीय पुरुष, पलसीकर कॉलोनी के 54 वर्षीय पुरुष, पिंजारा बाखल के 65 वर्षीय बुजुर्ग, राजीव नगर खजराना के 62 वर्षीय बुजुर्ग, मोती तबेला के 50 वर्षीय और चंद्रभागा के पुरुष, चंपाबाग के 65 वर्षीय बुजुर्ग और अहिल्या पल्टन का 21 वर्षीय युवक पॉजिटिव आने वालों की सूची में शामिल हैं।
4 अप्रैल को एमआर टीबी अस्पताल लाया गया था
मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. पंजवानी को 4 अप्रैल को एमआर टीबी अस्पताल लाया गया था। लेकिन सरकारी अस्पताल की बजाए गोकुलदास अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया। वहां उनका जब पहला एक्स-रे करवाया गया तो फेफड़े में एक फेज नजर आया। अगले दिन दूसरे एक्स-रे में फेज की संख्या 2 हो गई। इसके बाद तीसरे एक्सरे में पूरे फेफड़े में कई सारे फेज नजर आने लगे, क्योंकि गोकुलदास अस्पताल में स्टाफ की कमी है और आईसीयू की व्यवस्था मुफीद नहीं थी इसलिए उन्हें सीएचएल अस्पताल शिफ्ट किया गया। 3 दिन से उनका सीएचएल अस्पताल में इलाज चल रहा था। बुधवार देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज के बुलेटिन में 40 मरीजों की सूची जारी की, जिसमें उनका सैंपल भी पॉजिटिव बताया गया। रात में ही उन्हें अरबिंदो अस्पताल शिफ्ट किया गया।
पहली कोरोना संक्रमण की जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी
बताया जा रहा है कि उनकी कंडीशन ऐसी नहीं थी कि उन्हें शिफ्ट किया जाए, लेकिन राज्य शासन ने कोविड-19 दिए हैं जहां संक्रमित मरीजों को रखा जाता है जैसे ही रिपोर्ट पॉजिटिव आती है मरीजों को तत्कालीन अस्पतालों में शिफ्ट किया जाता है। उनके पारिवारिक मित्र ने बताया कि उनकी पहली बार जब कोरोना संक्रमण की जांच की गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन एक्स-रे में बीमारी बढ़ती हुई दिखाई दे रही थी इसलिए जब दूसरी बार सैंपल जांच के लिए भेजा गया तब रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। उन्हें वेंटिलेटर पर जीवन रक्षक उपकरणों के सहारे रखा गया था लेकिन आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया इस मौके पर उनके तीनों बेटे भी उनके पास नहीं थे उनके तीनों बच्चे ऑस्ट्रेलिया में है। मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. पंजवानी ने सिंध से एमबीबीएस किया था। 22 मार्च से उन्हें सर्दी-जुकाम की समस्या हुई, लेकिन परिवार में उनके साथ कई लोगों को एलर्जी की समस्या थी तो सामान्य जुकाम समझा। 30 मार्च को पहली बार उनकी तबीयत खराब हुई तो जांच करवाने के लिए वो एमआर टीबी अस्पताल पहुंचे। पहली रिपोर्ट निगेटिव आई। दूसरी रिपोर्ट जब पॉजिटिव आई, तब वे अस्पताल में भर्ती हुए।
7 दिन पहले वीडियो में कहा- मैं बिलकुल फिट हूं
डॉ. पंजवानी के उस वीडियो के अंश, जो उन्होंने चलाया था। उन्होंने कहा था किमैं स्वस्थ हूं और फिट हूं। घर में परिवार और बच्चों के साथ बैठा हूं। मेरे जो भी वीडियो चलाए जा रहे हैं, वह गलत हैं।
आईएमए की ओर से डॉक्टर के परिवार को दिया जाएगा 10 लाख का फंड
62 वर्षीय डॉक्टर की मौत के बाद मेडिकल समुदाय भी सतर्क हो गया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मध्यप्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष संजय लोंढे ने कोविड-19 से डॉक्टर की मौत पर अफसोस जताने के साथ ही कहा कि कई मरीजों में कोविड-19 के लक्षण कुछ दिन बाद प्रकट होते हैं। ऐसे में डॉक्टरों को खुद के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। आईएमए के डॉ. नटवर सारडा ने कहा कि आईएमए की ओर से 10 लाख का फंड परिवार को दिया जाएगा। ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. सुबीर जैन बताते है कि हफ्तेभर पहले ठीक थे। 5 दिन पहले ही उनमें लक्षण आने लगे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। 2-3 दिन में ही अचानक उनकी तबीयत खराब हुई। परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। उनके तीनों बेटे फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में हैं। उनका इंदौर में उनके चार परिजनों की मौजूदगी में कोविड-19 से बचाव के प्रोटोकॉल के मुताबिक दाह संस्कार किया गया। दिवंगत डॉक्टर को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल हैं।
2. युवक की मौत, कोरोना संदिग्ध मान अंत्येष्टि में कोई नहीं आया
गुरुकृपा कॉलोनी में 48 वर्षीय युवक की मौत हो गई। परिवार में बुजुर्ग माता-पिता और बेटा है। कोरोना से मौत के संदेह में पड़ोसी और अन्य लोग अंतिम संस्कार के लिए नहीं आए। ऐसे में अधिकारियों ने निगम के कर्मचारियों को बुलाया। तब जाकर अंतिम संस्कार हुआ।
3. पिता के संस्कार में नहीं आई बेटी, कहा 28 दिन क्वारेंटाइन रहना पड़ता
पल्हर नगर में कोरोना पीड़ित 65 वर्षीय वृद्ध की मौत हो गई। इनकी दो बेटियां हैं, एक लंदन में ताे दूसरी बीना में। एसडीएम राकेश शर्मा ने बीना वाली बेटी काे कॉल कर अंतिम संस्कार के लिए आने को कहा। बेटी ने कहा- आई तो 28 दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा। निगमकर्मियों ने अंतिम संस्कार किया।
4. उज्जैन से बेटी नहीं आई, मोहल्ले के युवाओं ने किया क्रियाकर्म
संविद नगर निवासी 80 वर्षीय शीलाबाई अकेली रहती थीं। बुधवार रात उनका निधन हो गया। इकलौती बेटी उज्जैन में रहती है। उज्जैन में भी कर्फ्यू होने से वह नहीं आ सकी। ऐसे में क्षेत्र के धर्मेंद्र सोनकर, राजा कोठारी, राम सिलावट, हरि पटेल ने अंतिम संस्कार किया। और थाने के एसआई से संपर्क कर अंतिम संस्कार के सामान की दुकान खुलवाई। सामान की व्यवस्था होने पर रहवासी भोला भदौरिया, आदि ने महिला का अंतिम संस्कार किया।
ई पास भोपाल से ऑनलाइन होंगे
मप्र शासन ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान किसी व्यक्ति के मप्र के अंदर या मप्र के बाहर कहीं भी जाने के लिए मंजूरी लिए जाने की भोपाल स्तर पर ई पास व्यवस्था लागू कर दी है। इसके लिए 0755-2411180 पर व्यक्ति फोन कर सकता है। इसमें किसी मौत की स्थिति, मेडिकल इमरजेंसी (हार्टअटैक, केंसर, स्ट्रोक, कैंसर डायग्नो, कीमोथेरेपी, डिलेवरी आदि) के िलए आवेदन किया जा सकता है। इस व्यवस्था के बाद जिला प्रशासन ने इंदौर स्तर पर जारी की ऑनलाइन व्यवस्था बंद कर दी है।
शवयात्रा में पांच से ज्यादा लोग नहीं
शवयात्रा, अंतिम संस्कार के दौरान अधिक लोग आने से कोरोना संक्रमण फैलने के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने अंतिम संस्कार को लेकर प्रतिबंधात्मक धारा 144 में विविध निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत किसी की मृत्यु की दशा में अब अंतिम संस्कार, जनाजे के दौरान पांच से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे। अस्पताल मेंकोरोना पॉजिटिव मरीज या अन्य किसी बीमारी से मौत की दशा में देह को अस्पताल से सीधे शमशान, कब्रिस्तान, मुक्तिधाम स्थल पर भेजा जाएगा, देह को जिले की सीमा से बाहर नहीं भेजा जाएगा।
कोरोना पॉजीटिव मरीज अथवा शंकास्पद मौत की स्थिति में सभी अस्पताल, सरकारी अधिकारी परिजन को समझाइश देकर इंदौर में ही अंतिम संस्कार कराएंगे, ऐसा नहीं होने पर संबंधित डॉक्टर के विरुद्ध पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। कोरोना पॉजीटिव व शंकास्पद मौत की स्थिति में अस्पताल मृत देह को पैक करने में पूरा प्रोटोकॉल पालन करेगा।
यलो अस्पतालों के लिए 36 डॉक्टर
कोरोना के संदिग्ध लक्षण वालों मरीजों के उपचार के लिए जिला प्रशासन ने आठ अस्पातलों को यलो कैटेगरी में रखा है। इसमेंचिकित्सकों की आ रही कमी को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने शासन द्वारा जारी एस्मा आदेश के तहत 36 डॉक्टरों की ड्यूटी अस्पतालों में मरीजों के उपचार के लिए लगा दी है। जिले मेंपहली बार इस तरह के आदेश जारी हुए हैं। इन डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य करने के साथ ही इन सातों अस्पातलों में किसी भी डॉक्टर की अनुपस्थिति को लेकर कलेक्टर ने साफ कहा है कि किसी की भी छुट्टी की मंजूरी कलेक्टर द्वारा ही जारी होगी।इसलिए सभी सौ फीसदी स्टॉफ का आना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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