कोरोना से लड़ते हुए शहीद हुए नीलगंगा टीआई यशवंत पाल की पत्नी व बेटियों पर जो दुख का पहाड़ टूटा उसका दर्द सिर्फ वे ही समझ सकती है कि उनके अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाई। पिता को खोने के बाद उनकी तस्वीर से लिपटकर रोने वाली बेटी इतनी साहसी है कि पिता की शहादत के आठवें दिन पुलिस भर्ती के लिए फिटनेस टेस्ट देने के लिए उज्जैन आईं। पुलिस लाइन में पिता का श्रद्धांजलि वाला कटआउट देख आंखे नम हुई पर उन्हें सैल्यूट कर आगे बढ़ गई।
शहीद हुए टीआई पाल की पत्नी मीना पाल, बेटी फाल्गुनी और ईशा रोज इंदौर स्थित घर पर पाल की तस्वीर के पास घंटों बैठी रहती हैं। उनके साथ बिताए पल व खासकर वह बात कि मुसीबत कितनी ही कष्टदायक क्यों न हो, उससे डरने की बजाय उसका सामना करो... को याद कर साहस के साथ अगले कदम की तरफ बढ़ चली है।
योद्धाओं का परिवार...पिता 8 दिन...
एसआई की नौकरी देने की घोषणा के बाद पाल की बेटी फाल्गुनी ने उज्जैन पुलिस लाइन आकर मेडिकल फिटनेस परीक्षण कराया। पुलिस भर्ती के सारे दस्तावेज प्रस्तुत किए। फिटनेस परीक्षण के उपरांत वापस इंदौर रवाना हो गई। फाल्गुनी ने सिर्फ इतना कहा- मुझे मेरे पिता पर गर्व है, वे हमें बहुत प्यार करते थे।
पत्नी बोली-उन्होंने कभी फर्ज से मुंह नहीं मोड़ा, बेटियां कैसे पीछे रहेंगी
शहीद पाल की पत्नी तहसीलदार मीना पाल ने कहा पति ने कभी फर्ज से मुंह नहीं मोड़ा। बीमार होने पर भी ड्यूटी करते रहे। जब वेंटीलेटर पर थे, तब भी मुस्कुराते रहे। जब फर्ज को इतना महत्व देते थे तो बेटी कैसे पीछे रहेगी। जल्द ही वह पिता की जगह फर्ज का दायित्व निवर्हन करेगी।
प्रक्रिया पूरी, जल्द ज्वाइनिंग देंगे
शहीद टीआई पाल की बेटी फाल्गुनी को मुख्यमंत्री ने एसआई के पद पर नौकरी देने जो घोषणा की है, उसकी प्रक्रिया पूरी कर ली है। फाल्गुनी ने यहां आकर मेडिकल फिटनेस टेस्ट भी दे दिया। सारे दस्तावेज पुलिस मुख्यालय को भिजवा दिए। जल्द ही उसे ज्वाइनिंग देंगे।- राकेश गुप्ता, आईजी
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