शनिवार काे रैदास वार्ड में स्थित स्कूल औैर सरकारी भवनाें का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियाें काे देख लाेग समझे यहां क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है। शंका में लाेगाें ने सड़काें पर बांस की बैरिकेडिंग कर बाहरी लाेगाेें के प्रवेश निषेध का बाेर्ड लगा दिया।
गांवों की तर्ज पर अब नगर में भी लोगों ने अपनी गलियों में बैरिकेड लगाना शुरू कर दिए हैं। आलम ये है कि लोग खुद तो घरों में कैद हैं, वहीं बाहरी लोगों के प्रवेश के लिए यह क्षेत्र पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। क्षेत्र के लोगों ने कोरोना संक्रमण के दौर में एहतियातन ये कदम उठाए हैं। लोगों को अब ये भी डर सताने लगा है कि रिहायशी इलाकों के आस-पास के भवनों में प्रशासन अन्य राज्यों से मजदूरों को लाकर क्वारेंटाइन कराना शुरू न कर दे। इसलिए लोगों ने प्रशासन की तैयारियों को देखते हुए इस तरह के एहतियात बरतने शुरू कर दिए हैं।
अधिकारी बाेले- सैनिटाइज करने के लिए किया निरीक्षण, नहीं बना रहे क्वारेंटाइन सेंटर
गलियों में लगाए बैरिकेड, आवेदन भी दिया
नगर के रैदास वार्ड इलाके में आधा दर्जन से ज्यादा प्राइवेट स्कूल औैर काॅलेज स्थित हैं। इन्ही संस्था भवनों का क्षेत्र खत्म होते ही यहां पर रिहायशी इलाका शुरू हाे जाता है। शनिवार को तहसीलदार नीरज कालमेघ, जनपद सीईओ संस्कार बावरिया सहित टीम ने इस क्षेत्र के स्कूल, काॅलेज भवनाें का निरीक्षण किया। अधिकारियों को निरीक्षण करते हुए देख आसपास के इलाके के लोग तुरंत ही हरकत में आ गए। लोग पहले तो घरों से निकले और कॉलोनी की सड़कों पर बांस के बैरिकेड लगा दिए। इसके बाद उन्होंने इन बैरिकेड पर बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध होने की तख्तियां भी टांग दीं। लेकिन रहवासी इलाके के लोगों का डर इतने पर भी खत्म नहीं हुआ। इसके बाद लोगों ने एक आवेदन भी तहसीलदार को दिया। आवेदन में लिखा कि क्षेत्र की शैक्षणिक संस्थाओं के अलावा यह इलाका रिहायशी भी है। ऐसे में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को यदि यहां क्वारेंटाइन कराया जाएगा, तो संक्रमण का असर क्षेत्र में पड़ने की संभावना बनी रहेगी।
कहा दूर-दराज में हो ऐसे इंतजाम
तहसीलदार को शिकायत कर क्षेत्र के निवासी रमेश बेले, जगन्नाथ माकोड़े, केएल माथनकर, मनोज चौहान, बलराम चौकीकर, विजय नागले सहित दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने कहा प्रशासन को इस तरह के इंतजाम रिहायशी इलाकों से दूर करने चाहिए। इस लापरवाही से प्रशासन अब तक की मेहनत पर भी पानी फिर सकता है। रिहायशी इलाके में 10 साल से कम आयु औैर 62 वर्ष से अधिक आयु के भी बहुत सारे लोग निवास करते हैं। उन्हाेंने कहा कि प्रशासन को समय रहते इन बातों पर भी ध्यान देना चाहिए।
वार्डवासियों को गलतफहमी हुई है
प्रशासन द्वारा बिल्डिंगों को सैनिटाइज करवाया जा रहा है। भविष्य की जरूरतों को लेकर भवनों को चिन्हित किया जा रहा है। लोगों को गलत फहमी हुई है कि क्वारेंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है।
नीरज कालमेघ, तहसीलदार
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