कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए घर में रहना व सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। लेकिन गर्मी के मौसम में आवश्यकता का पानी हासिल करने के लिए कुछ क्षेत्र के लोगों को घरों से बाहर निकलना पड़ रहा है। नल आते ही मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग नजरअंदाज हो जाती है। नगर के वार्ड 5 के दो सार्वजनिक नलों पर तीसरे दिन लोगों की भीड़ लग रही है। नल आने से पहले डिब्बे की कतार लग जाती है। पानी आते ही लोग जमा हो जाते हैं। नप के माध्यम से 15 वार्डों में तीसरे दिन 40 मिनट पेयजल का वितरण होता है। गर्मी बढ़ने के साथ पानी की जरूरत बढ़ने लगी है।
नल कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को तो पानी मिल रहा है, लेकिन सार्वजनिक नलाें से पानी भरने वाले परेशान हो रहे हैं। वार्ड 5 में उत्कृष्ट विद्यालय के पास पानी की टंकी लगी है। नल आते ही पानी की टंकी भरती है। लोग इससे पानी भरते है। लेकिन आसपास के गरीब परिवारों की संख्या इतनी रहती है कि कई लोग खाली बर्तन वापस ले जाने को मजबूर है। वार्ड 5 के एक अन्य सार्वजनिक नल पर भी यही स्थिति बन रही है। वार्ड 3 के भगवान मंडलोई, गजू कर्मा व राहुल वर्मा ने कहा मात्र आधा घंटा पानी आता है। समय बढ़ाना चाहिए। द्वारकीबाई, तुलसीबाई व रामाबाई ने कहा तीसरे दिन पानी मिलने से भीड़ लगती है। बर्तन रखकर बारी आने का इंतजार करना पड़ता है। ग्यारसीबाई, लक्ष्मीबाई व कड़वीबाई ने कहा नप को समस्या का समाधान करना चाहिए। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी क्षेत्र के विनोद मुनिवार ने कहा आसपास के 8-10 परिवार के लोगों को खेतों से पानी लाना पड़ रहा है।
लोगों के घरों से मांग रहे पानी
मंडलेश्वर रोड पर रहने वाले आदिवासी परिवार भी पेयजल संकट से परेशान है। यहां सार्वजनिक नल भी नहीं है। सड़क से कुछ ही दूरी पर यह बर्तनों को कतारबद्ध रखते है। आसपास के रहवासियों के घरों की पूर्ति हाेने के बाद यह उनके घर लगे नलों से पानी लाते हैं। कई बार पानी नहीं भी मिल पाता।
अरिहंत नगर व वोटा में भी परेशानी
इंदौर रोड स्थित अरिहंत नगर में निजी कुएं व भीलगांव पंचायत के माध्यम से पानी का सप्लाय होता है। सुमन पाटीदार व इंदिरा कुशवाह ने कहा कई बार पानी नहीं आता। पंचायत को पानी की टंकी का निर्माण करवाना चाहिए। ग्राम वोटा के लोग एक हैंडपंप के भरोसे है। प्रकाशचंद्र कोगे व हिरदाराम कोगे ने बताया पंचायत ने 7 लाख रुपए से पाइप लाइन डाली थी, लेकिन अब तक इसका लाभ नहीं मिला। ऐसी स्थिति में खेत के कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। पंचायत व जनप्रतिनिधियों को समस्या बताने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पानी के अभाव में सूख रहे पौधे
गांगलेश्वर मंदिर के पास नप ने दो बगीचे विकसित किए हैं। यहां टंकी रखवाई है। लेकिन पानी की सुविधा नहीं है। पौधे सूख रहे हैं। मंदिर पुजारी जितेंद्र गिरी ने कहा पहले यहां 24 घंटे पानी की सुविधा थी। क्षेत्र में लगे नल से पहले रहवासी पानी भरते है। इसके बाद कुछ समय पौधों के लिए पानी मिल पाता है। मंदिर के बगीचे में कुएं से सिंचाई होती थी। गर्मी में वह भी सूख चुका है।
टैंकर से व्यवस्था करेंगे
नप तीसरे दिन हर वार्ड में 40 मिनट पेयजल वितरण कर रही है। कुछ जगह समस्या थी तो टैंकर से पानी भेजने की व्यवस्था की गई है। वार्ड 3, 4 व 5 की भी जानकारी लेकर टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा।
- प्रियंक पंड्या, सीएमओ
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