अनलॉक 1.0 के दिन जैसे-जैसे बढ़ रहे बाजार में भीड़ बढ़ने लगी है। तीसरे दिन बारिश के चलते जरूर सड़कें खाली नजरआईं, लेकिन ज्यादातर दुकानें खुली रहीं। कुल मिलाकर कोरोना के बीच कारोबार में बाजार का मौसम अब बनने लगा है।
कार को बनाया दुकान, छत पर रखे आम तो डिक्की में रख नारियल बेचे
जोन 2 में सड़क किनारे सब्जी-फल के ठेलों की संख्या अब बढ़ने लगी है। लोग जरूरत से ज्यादा फल और सब्जी खरीद रहे हैं। बैंक खुल गए हैं। सबसे ज्यादा लोगों की भीड़ यहीं लग रही है।
बैंकों के बाहर बढ़ने लगे ग्राहक
पंढरीनाथ से कलेक्टोरेट के रास्ते पर आम दिनों की तरह सब्जी और फल के ठेले थे। दोपहर में निगमकर्मी गुजरा तो उसने सब्जी बेच रही बुजुर्ग महिला को भीड़ इकट्ठा नहीं करने के लिए हड़काया।
महूनाका चौराहे से अन्नपूर्णा मंदिर रोड पर एक कार पर आम रखकर बेचे जा रहे थे तो दवाई की एक दुकान में प्रवेश निषेध का बोर्ड लगा रखा था।
अन्नपूर्णा मंदिर तो बंद था, लेकिन तालाब के किनारे लगी बेंच पर लोग बैठे थे।
फूटी कोठी चौराहे से द्वारकापुरी मेन रोड के किनारे तिरपाल की दुकानें सज गई। इसी रोड पर किराना और गैरेज भी खुले दिखे।
द्वारकापुरी के अंदर के क्षेत्र में सभी दुकानें खुली रहीं और लोग खरीदी करते दिखे। यहां स्थित बैंक में लंबी लाइन लगी थी। लोग आपस में बात कर रहे थे कि
नोटबंदी के दिन याद आ गए।
महू नाके के पास ही श्रीपद अस्पताल के बाहर एक नोटिस में लिखा है कि यहां सर्दी-खांसी और कोविड-19 के मरीज नहीं देखे जा रहे। पूछने पर पता चला कि पास में ही कोविड-19 की जांच हो रही है। इस गफलत में लोग अस्पताल पहुंच रहे थे, इसलिए नोटिस लगा दिया।
दो किमी दूर पुस्तकों की होम डिलीवरी का चार्ज 65 रुपए, रिक्शा से दो गुना ज्यादा
जोन 1 में व्यापारी अब होम डिलीवरी का भी चार्ज ले रहे हैं। खजूरी बाजार में एक बुक शॉप के संचालक होम डिलीवरी के लिए 200 रुपए तक ले रहे हैं। लोगों का कहना है वैसे ही बजट गड़बड़ा गया है, ऐसे में अतिरिक्त वसूली से और परेशानी बढ़ेगी। इस परेशानी को लेकर रिपोर्टर ने बुक स्टोर संचालक से बात की। दुकानदार का कहना है वे राजमोहल्ला स्थित घर से किताब दे रहे हैं। फिर रिपोर्टर द्वारा बताए गए एड्रेस पर महज 2 कलोमीटर दूर होम डिलीवरी के 65 रुपए मांगे, जो रिक्शा के किराए से भी ज्यादा है।
दुकानों के पिछले रास्ते से कर रहे कारोबार
जयरामपुर कॉलोनी स्थित आरती बुक सेंटर से बात की तो उनकी दुकान बंद थी। दुकानदार बोले किताबें मिल जाएंगी, पर दुकान के पीछे आ जाना। वहीं मल्हारगंज स्थित नागर बुक स्टॉल ने तो सीधा दुकान पर ही आने का ऑफर दे दिया।
पालदा औद्योगिक क्षेत्र में बारिश ने बढ़ाई मुश्किल, जर्जर सड़कों पर वाहन फंसते रहे
पालदा औद्योगिक क्षेत्र जहां पर 400 से अधिक इंडस्ट्री है और इसमें भी अधिकांश दाल, आटा मिल आदि है। यहां की हालत गुरुवार को खराब हो गई। बारिश से सड़कों पर कीचड़ हो गया और वाहनोें का रास्ता बंद हो गया। कई वाहन रास्ते पर फंस गए और कुछ ट्रक तो गड्ढों धंस गए। इन्हें क्रेन से निकालना पड़ा। एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र के उपाध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा इस क्षेत्र की सड़कों व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के िलए लगातार मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
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