सरकारी कार्यालयों में भी भविष्य में कम से कम भीड़ हो और ज्यादा लोगों की आवाजाही न हो, इसके लिए भी ऑनलाइन सेवाओं को ही और बढ़ाया जाएगा। अभी भी कई काम हो रहे है, लेकिन आईडीए इसमें और अधिक आगे जा रहा है। सीईओ विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक अगले कुछ दिनों में हमारा सॉफ्टवेअर पूरी तरह डेवलप हो जाएगा। इसके बाद आईडीए के हितग्राहियों को किसी भी तरह के काम (मसलन लीज रिन्यूअल, लीज रेंंट एनओसी या अन्य) के लिए ऑफिस नहीं आना होगा।
किराएदारी विवाद को लेकर भी प्रशासन कर रहा तैयारी
लॉकडाउन के करीब ढाई महीने में किराएदारी के विवाद सबसे ज्यादा आना है। इसमें तीन तरह की समस्या है, एक व्यवसायियों की। दूसरी होस्टल की और तीसरी घरेलू मकानों के किराएदारों की। होस्टल संचालकों की समस्या यह है कि छात्र बिना बताए भाग रहे है। जो फंसे छात्र है, उनके पास देने के लिए पैसे नहीं है। ऐसे में दोनों पक्षाें के अपने-अपने तर्क है। इसी तरह शहर में 100 से ज्यादा कमर्शियल मार्केट है 85 वार्ड में। दो महीने से सबकुछ बंद होने के कारण धंधे न होने, दुकान बंद होने का तर्क भी लोग दे रहे है। तीसरा मसला उन बुजूर्ग या परिवारों का है, जिनका जीवन यापन ही किराए से चलता है। उन्हें किराया चाहिए। कलेक्टर तक इसकी शिकायतें आ रही हैं।
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