राहुल दुबे ,कांग्रेस की प्रदेश सरकार मेंमध्यमवर्गीय उपभोक्ता के लिए 150 यूनिट बिजली खपत होने पर मात्र 350 रुपए महीने का बिल जारी करने की जो इंदिरा गृह ज्योति योजना शुरू की थी, वह अब खत्म होती दिख रही है। जिन उपभोक्ताओं को कई महीने 350 रुपए के बिल जारी हुए, अब उन्हें 400 से 900 रुपए महीने का बिल मिल रहा है। इसकी शिकायत लोगों ने बिजली जोन कार्यालय और जनप्रतिनिधियों से की।
कहा कि सरकार ने लोन की ईएमआई में तीन माह के लिए राहत दी। वैसी ही राहत बिजली बिल में दी जाए। इंदौर शहर में कुल छह लाख उपभोक्ता हैं। पहले इनमें 40 फीसदी यानी लगभग ढाई लाख को 350 रुपए माह के बिल जारी हो रहे थे। सरकार बदलने के बाद अब योजना का लाभ सभी को नहीं मिल पा रहा है।
ग्राहकों को भारी भरकम बिल, बिजली कंपनी का दावा- राहत दी है
1. 17 से 40 हजार तक के बिल भेज दिए
गोयल नगर निवासी सुमित मिश्रा के यहां थ्री-फेज कनेक्शन है। हर साल गर्मी में पांच से छह हजार तक बिल आता था, इस बार मई में 17 हजार का बिल भेजा। वहीं कुछ उपभोक्ताओं को 40 हजार तक के बिल भेजे गए। जोन कार्यालय पर कोई बताने को तैयार नहीं है।
2. खपत 140 यूनिट, बिल 400 रु. से ज्यादा
बिजली कंपनी के सभी 30 जोन कार्यालयों में मई में 24 सौ उपभोक्ताओं ने ज्यादा बिल आने की शिकायत दर्ज कराई है। एेसे ग्राहक भी हैं जिनकी खपत 140 यूनिट तक हुई पर बिल 400रु. या उससे ज्यादा के दिए हैं।
3. कर्मचारियों पर वसूली का अघोषित दबाव
जोन के मैदानी कर्मचारियों पर अफसरों द्वारा बिल वसूली के लिए अघोषित दबाव बनाया जा रहा है। फोन लगाकर, घर जाकर बकाया बिल जमा कराने के लिए कहा जा रहा है। कर्मचारी संक्रमण के डर से घर-घर जाने से बच रहे हैं।
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4.31 लाख को भेजे कम राशि के बिल
पश्चिम क्षेत्रीय बिजली कंपनी ने इंदौर-उज्जैन संभाग के 17 जिलों में लाॅकडाउन के दौरान 31 लाख उपभोक्ताओं को कम राशि के बिल भेजने का दावा किया है। पुरानी योजना के हिसाब से ही बिल भेजने की बात कही है।
सवाल/जवाब-ठंड में खपत कम थी, अब बढ़ गई, बिल ज्यादा
लोगों को ज्यादा राशि के बिल मिल रहे हैं, इसका क्या कारण है?
सभी जोन पर इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। इनका तीन दिन में निराकरण कर देंगे। जिनके बिल ज्यादा आए हैं उन्हें कम किया जाएगा। इस समय रीडिंग नहीं हो रही। इस वजह से आंकलित बिल भेजे जा रहे हैं।
150 यूनिट खपत तक 350 रुपए बिल जारी होते थे, क्या योजना बंद हो गई?
ठंड के दिनों में खपत 150 यूनिट तक हो रही थी। इसलिए 350 रुपए के बिल जारी हुए। अब खपत बढ़ गई तो ज्यादा राशि के बिल आना स्वाभाविक है। जिन्हें शिकायत है उनसे खपत देखकर ही बिल लिया जाएगा। योजना बंद नहीं हुई है।
जिन्होंने ज्यादा राशि के बिल भरे हैं, क्या वह आगे एडजस्ट होंगे?
किसी भी उपभोक्ता से ज्यादा पैसा नहीं लिया जाएगा। उन्हें लगता है कि ज्यादा बिल भर दिया हैै तो मीटर रीडर भेजकर उनके बिल की जांच करा ली जाएगी। ज्यादा बिल जमा हुआ तो एडजस्ट कर लिया जाएगा।
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