
स्टेडियम के पास वत्सला विहार कॉलोनी में देर रात घर के बाहर खड़ी कार का सेंट्रल लॉक तोड़कर एक बदमाश अंदर घुस गया। आहट सुनते ही कार मालिक लुकमान मसूद ने बदमाश काे कार में ही लॉक कर मौके पर पुलिस बुलाई। इस दौरान पुलिस ने बदमाश को बाहर निकाला और पागल बोलकर छोड़ दिया।
पढ़िए कार मालिक की जुबानी... रविवार-सोमवार की एक बजे की बात है। सायरन की आवाज आ रही थी। पुलिस गश्त का वाहन समझकर ध्यान नहीं दिया। सायरन की आवाज बंद ही नहीं हुई तो बाहर झांककर देखा, मेरी कार का ही सायरन बज रहा था। दरवाजा खोलकर कार के पास गया। उसके अंदर एक बदमाश बैठा हुआ था। मैंने कार काे बाहर से लॉक कर दिया। पुलिस अधिकारियों को फोन लगाए। 20 मिनट बाद डायल 100 टीम मौके पर पहुंची। उनकी मौजूदगी में बदमाश को कार से बाहर निकाला। दो पुलिस जवान व डायल 100 के ड्राइवर ने तीन-चार प्लास्टिक के पाइप मारे और बदमाश को यह कहते हुए भगा दिया कि पागल है, मानसिक रोगी है। पुलिस जवान जब उसे मार रहे थे तब वह पाइप पकड़ रहा था। मैंने डायल 100 टीम से निवेदन भी किया कि उसका नाम, पता तो पूछो, वह कौन है, कहां से आया है। कार का लॉक लगा हुआ था। उसने लॉक कैसे खोला। मेरी सतर्कता से उसे पकड़कर पुलिस को सौंपा, लेकिन पुलिस की यह कार्रवाई समझ नहीं आई। बगैर मेडिकल चेकअप के आखिर पुलिस ने कैसे मान लिया कि पागल है, मानसिक बीमार है। पुलिस की कार्रवाई से मैं बहुत दुखी हूं। लॉकडाउन के दौरान लोगों की दाढ़ी-कटिंग नहीं हो रही है, जबकि बदमाश की शेविंग बनी हुई थी। वह अच्छे कपड़े पहने हुए था। उसे डायल 100 टीम ने पूछताछ किए बगैर भगा दिया। पुलिस की इस कार्रवाई से कॉलोनी में दहशत का माहौल है।
नाम, पता पूछना चाहिए
वत्सला विहार कॉलोनी का मामला मुझे पता चला था। संदेही का नाम, पता पूछे बगैर छोड़ देना गलत है। मामले को लेकर तीनों थानों की डायल 100 टीम को जरूरी निर्देश देंगे।
ललित गठरे, सीएसपी
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