कोरोना लोगों को पॉजिटिव करता जा रहा है, पर अब यह डर के बजाए जिम्मेदारियों के रूप में दिखने लगा। हाल ही में शहर से कोरोना पॉजिटिव आए दो परिवारों से ऐसी कहानी सामने आई, जहां के बच्चों ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभाना शुरू कर दी है। कभी चाय पानी के लिए भी मां को आवाज लगाने वाले बच्चे अब खुद ही खाना बनाने से लेकर छोटे भाइयों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं। दरअसल इन दोनों परिवार के पति-पत्नी कोरोना वार्ड में भर्ती हैं और घर पर बच्चे अकेले रह गए।
शहर के विजय नगर क्षेत्र में रहने वाले और राजनगर क्षेत्र के दंपती पिछले दिनों कोरोना संक्रमित हो गए थे। ऐसे में उन्हें कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया। दोनों ही परिवार के मुख्य सदस्य पति पत्नी को यह चिंता सताने लगी की इलाज के दौरान वो वार्ड में भर्ती है। कभी चाय पानी के लिए भी मां को आवाज लगाने वाले बच्चे कैसे खाना
बनाएंगे और जरूरत का सामान कैसे आएगा। इसे लेकर दोनों परिवार के माता-पिता परेशान दिखाई दिए।
ऐसे में दोनों परिवार की मां ने अपने बच्चों को मोबाइल पर बात कर जिम्मेदारियों का एहसास कराया।
मोबाइल पर सीखा खाना बनाना
बच्चों की मां बताती हैं कि उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट आते ही परिवार चिंता में पड़ गया। वह 25 जून को भर्ती हुई थी, इसके अगले दिन 26 जून को उनके पति भी संक्रमित पाए गए। इसके बाद तीनों बच्चे आयुष, निहाल, अमित को क्वारेंटाइन कर दिया गया। लेकिन कुछ दिन बाद ही निहाल (17) और आयुष (19) की छुट्टी कर दी गई। अब घर पर यह दोनों अकेले ही रह गए। ऐसे में मां ने उन्हें मोबाइल पर बात कर खाना बनाना सिखाया।
छोटे भाई की हिम्मत बना बड़ा भाई
विजय नगर क्षेत्र निवासी दंपती भी पिछले दिनों से भर्ती है। उनके दो बच्चे यश (17) और वैभव (14) घर पर अकेले हैं। यश बताता है कि पहले तो हम चाय पीने के लिए भी मां को आवाज लगा देते थे। पर अब मम्मी-पापा दोनों वार्ड में भर्ती हैं। ऐसे में छोटा भाई वैभव के मन में कई विचार आते रहते हैं। उसकी हिम्मत बढ़ाने के लिए पूरा दिन उसका ख्याल रखना पड़ता है। दिन में मैगी, चाय बनाने में दोनों भाई एक दूसरे की मदद कर रहे हैं।
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