बीते साल जुलाई में अतिवृष्टि के दौरान 12 मीटर कटाव होने से क्षतिग्रस्त हुए खोकराकलां के 102 साल पुराने तालाब की मरम्मत व आसपास की आबादी को बाढ़ से बचाने के लिए सिंचाई विभाग में 13 करोड़ की योजना का प्रस्ताव एसडीआरएफ मद में राज्य शासन को भेजा है।
बीते साल 28 जुलाई को अतिवृष्टि की वजह से कालापीपल तहसील के 102 साल पुराने खोकराकलां तालाब के फूटने से गांव में 7 फीट तक जलभराव हो गया था। यह तालाब सिंधिया स्टेट के जमाने में बनाया गया था। सिंचाई विभाग द्वारा एस्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तहत 13 करोड़ की योजना बनाकर शासन को स्वीकृति के लिए भेजी है।
जानकारी के अनुसार कालापीपल से खोकराकलां जाते समय आने वाले तालाब के पहले निकास को यथावत रखा जाएगा। इसके बाद आने वाले आगे के दो बाकी निकास बंद कर दिए जाएंगे। 3 किलोमीटर का चैनेज बनाकर लगभग 10 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहित कर इस तालाब को सहेजने की कोशिश होगी। 15 मीटर नीचे चौड़ा चैनेज बनाकर तालाब की निकासी का पानी ग्राम हाजीपुर होकर पार्वती नदी में मिलेगा। पांच सड़क मार्गों को यह 3 किलोमीटर का चैनेज क्रॉस करते हुए निकलेगा। खोकराकलां तालाब में 24 वर्ग किलोमीटर इलाके का पानी आता है। 70 हेक्टेयर क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बनती है। करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी पाल वाले इस तालाब से 200 हेक्टेयर की सिंचाई होती है। प्राथमिक प्रस्ताव भेजने के बाद निर्धारित प्रारूप में दोबारा तथ्यों के साथ प्रस्ताव को दाखिल करने की तैयारी सिंचाई विभाग ने की है। सिंचाई विभाग के एसडीओ लखपत सिंह जादौन ने बताया प्रारंभिक रूप से प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, जिसे निर्धारित प्रारूप और तथ्यों के साथ दोबारा भेजा जा रहा है। यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो तालाब मरम्मत के साथ ही आबादी के बचाव के लिए संयुक्त सकारात्मक प्रयास वाला यह अपने आप में अलग प्रयास होगा।
बाढ़ से 18 गांव प्रभावित हुए थे, राशि भी हुई थी मंजूर
एक मिलीयन क्यूबिक मीटर की क्षमता वाले इस तालाब की पाल दो जगह से क्षतिग्रस्त होने से आई बाढ़ से प्रभावित 1150 लोगों को सहायता राशि एक करोड़ 66 लाख रुपए दी गई थी। इस बाढ़ से 18 गांव प्रभावित हुए थे। सहायता मद आरबीसी 6,4 के अंतर्गत 27 मकानों के प्रभावित पीड़ितों में प्रत्येक को 95100 की राशि मंजूर की गई थी।
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