पटेरा जनपद के ग्राम पंचायत पटेरिया का उपस्वास्थ्य केंद्र 40 साल से दुर्दशा का शिकार बना हुआ है। देखरेख न होने के कारण भवन भी खंडहर हो गया है। लोगों को दस किमी दूर इलाज कराने के लिए जाना पड़ रहा है।
पूर्व में इस स्वास्थ्य केंद्र के आसपास के 20 से अधिक गांव के लोग इलाज कराने आते थे। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते कुछ साल बाद इस स्वास्थ्य केंद्र को बंद कर कुम्हारी में खोल दिया गया। जिससे पटेरिया में संचालित उपस्वास्थ्य केंद्र देखरेख के अभाव में खंडहर हो गया है। दूसरी ओर इस क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
एक तरफ महामारी कोरोना जैसी घातक बीमारी चल रही है जिससे लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया गया है। क्षेत्रीय के यशवंत सेन, सुधीर राय, किशोरी राय, अरुण नामदेव, चंदन नामदेव, विकास राय, पुष्पेंद्र राय ने बताया कि पटेरिया गांव में जब से स्वास्थ्य केंद्र बंद हुआ है तभी से इसकी बिल्डिंग पर शासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे लाखों रुपए की लागत से बनी बिल्डिंग देखते ही देखते इतनी जर्जर हो गई है वह कभी भी गिर सकती है। महिला प्रेमबाई, उजयारी बाई, नन्नीबाई आदिवासी ने बताया कि बीमारी के समय तो मरीज जैसे तैसे निजी डॉक्टर या पटेरा, दमोह जाकर दिखवा लेते हैं लेकिन प्रसव पीड़ित महिलाओं को उपस्वास्थ्य केंद्र न होने से काफी परेशानी होती है।
क्योंकि पटेरिया से कुम्हारी उपस्वास्थ्य केंद्र 10 किमी दूर है। इसके साथ ही पटेरिया के आसपास के गांव से कुम्हारी की दूरी भी 15 से 20 किमी दूर है। ऐसी स्थिति में जब तक जननी वाहन महिला को लेकर अस्पताल पहुंचता है तब तक या तो रास्ते में ही महिला की डिलेवरी हो जाती है या फिर घर में ही प्रसव हो जाता है। जिससे महिलाओं की जान पर बन आती है।
कई बार उठा चुके मांग
मुकेश, रंजीत, जयंत, राजू, पवन अग्रवाल, पप्पू ने बताया कि हर बार चुनाव के समय जनप्रतिनिधि पटेरिया में उपस्वास्थ्य केंद्र फिर से शुरू कराने का आश्वासन देकर जाते हैं लेकिन तीन दशक बीतने के बावजूद भी यहां पर खोला गया अस्पताल फिर से शुरू नहीं हो पाया। जिससे पूरे क्षेत्र की जनता में अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। हल्ली बाई, रूकमन बाई ने बताया कि एक ओर शासन गांव गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ा रही है दूसरी ओर दो दर्जन गांव का मुख्य केंद्र बिंदू पटेरिया में सुविधाएं बढ़ाने की जगह कम कर रही है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से सुविधा मुहैया कराने आवेदन देने की बात कही है।
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