कोरोना वायरस के चलते बाहर से लौटे मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिए जाने के लिए मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में काम शुरू कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन कराहल जनपद की निमानिया पंचायत के सेमरा गांव में बाहर से लौटे मजदूर रोजगार की आस में पंचायत भवन के चक्कर काट रहे हैं। इस संबंध में सचिव से कई बार शिकायत करने के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिला है। इसके अलावा गांव की अन्य समस्याओं को भी हल नहीं किया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बाहर से लौटने के बाद पंचायत ने उनके सामने कई निर्माण कार्य शुरू कराकर पूरे करा दिए। इसके लिए बाहर से मजदूर बुलाए गए और उनसे काम पूरा करा लिया गया। लेकिन स्थानीय स्तर पर पंचायत ने उन्हें अब तक काम नहीं दिया है।
गांव के सुखलाल आदिवासी बद्री आदिवासी ने बताया कि उनके पास मनरेगा के तहत काम करने के लिए जॉब कार्ड तीन साल पहले मिला था। लेकिन तीन साल में जॉब कार्ड पूरी तरह से खाली पड़ा हुआ है। पंचायत में जब भी काम मांगने के लिए जाते हैं तो सरपंच और सचिव के द्वारा कह दिया जाता है कि निर्माण कार्य अभी बंद हैं, इसलिए रोजगार नहीं दे सकते। ऐसे में उन्हें गांव के बाहर जाकर रोजनदारी पर मजदूरी करने पड़ी। पिछले तीन महीने से काम नहीं होने पर उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। अब जिला मुख्यालय पर जाकर कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ से शिकायत करने की बात कह रहे हैं।
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