
शहर में कुत्तों संख्या फिर बढ़ गई है। क्योंकि नगर निगम अमला कुत्तों को पकड़ने से कतरा रहा है। इसका कारण सदावल स्थित कुत्ताघर का खर्च वहन करने में सामाजिक सहयोग नहीं मिल रहा। इसलिए केवल उतने ही कुत्ते पकड़े जा रहे हैं जितनों का खर्च निगम वहन कर सके।
कोरोना संक्रमण के दौरान कुत्ते पकड़ने का काम रुक गया था। इस दौरान पुलिस और अन्य समाजसेवियों ने गली-मोहल्लों में कुत्तों को भोजन दिया। इस दौरान कुत्तों से संबंधित कोई दुर्घटनाएं भी नहीं हुई। अनलॉक होने के बाद शहर में कुत्तों की संख्या फिर बढ़ने लगी है। इसका एक कारण अन्य नगरों व गांवों से लाकर कुत्तों को शहर में छोड़ना भी बताया जा रहा है। दूसरी तरफ निगम अमला कुत्ते पकड़ने में कोताही कर रहा है। क्योंकि इसके लिए ऊपर से ही सांकेतिक आदेश हैं। यहां के कर्मचारी बताते हैं कि काफी समय तक कुत्ताघर खाली रहा। अभी 15 दिन से फिर 10-15 कुत्ते लाए जा रहे हैं। उन्हें दो-चार दिन रख कर वापस छोड़ रहे हैं। महापौर मीना जोनवाल का कहना है कि ज्यादा कुत्तों को कुत्ताघर में नहीं रख सकते। इसलिए उतने ही कुत्ते पकड़े जा रहे हैं जिन्हें ठीक से रखा जा सके।
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