नईसड़क से लगी रहवासियों बस्तियों व व्यावसायिक इलाकों, डाबरी पीठा, लाल मस्जिद क्षेत्र, दौलतगंज, तोपखाना, खंदार, नलिया बाखल क्षेत्र से होकर रुद्रसागर तक जिस नाले के कारण बारिश में तालाब जैसी स्थिति बन जाती है, उसका नगर निगम ने शुक्रवार को सर्वे कर लिया है। यह नाला 1800 मीटर लंबा है। यह कई जगह से ढंका है, कुछ जगह नाले पर निर्माण है। कुछ जगह नई नाली बनाने की जरूरत है। सबसे बड़ा काम बेगमबाग रोड से रुद्रसागर तक के 350 मीटर लंबे नाले का चौड़ीकरण करना है।
नगर निगम के एई डीएस परिहार, उपयंत्री नरेश जैन और उनकी टीम ने इस पूरे नाले की पड़ताल की। निगम ने नाले पर कुछ जगह सुधार कार्य कराए थे तथा पिछली तेज बारिश में कुछ जगह से निर्माण भी तोड़ा था। भास्कर की खबर के बाद निगमायुक्त क्षितिज सिंघल ने पूरे नाले का प्रोजेक्ट बनाने को कहा है। इसके बाद टीम जुट गई। टीम ने नई सड़क से लेकर हरसिद्धि पाल तक नाले का अवलोकन किया तथा कहां क्या जरूरत है, यह तय भी किया। निगम में हुई इस हलचल से इन इलाकों के 50 हजार से ज्यादा आबादी और व्यवसायियों को फायदा होगा। यदि इस बारिश में काम शुरू हो जाता है और रुद्रसागर के मुहाने पर पानी की निकासी का बंदोबस्त कर दिया जाता है तो इलाकों में तेज बारिश में भी जल जमाव की स्थिति से राहत मिलने की उम्मीद है। यदि बारिश में यहां पानी जमा नहीं हुआ तो शहरी आवागमन में भी दिक्कत नहीं आएगी। महाकाल मंदिर की तरफ जाने वाले रास्तों पर नालों का पानी नहीं आएगा जिससे श्रद्धालुओं को गंदे पानी से होकर जाने की मजबूरी से मुक्ति मिल जाएगी।
निगम आयुक्त बोले- टेंडर प्रक्रिया के बाद जल्दी काम शुरू होगा
निगमायुक्त क्षितिज सिंघल का कहना है नाले का सर्वे होने से समस्या के बिंदू तय हो गए हैं। इसके लिए प्लान भी बनाया जा रहा है। क्या काम कराने की जरूरत है, इसके आधार पर जल्दी ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू किया जाएगा। जो काम बारिश में हो सकते हैं और जिनके होने से राहत मिल सकती है, उन्हें पहले कराएंगे। ताकि इस बारिश में भी रहवासियों व व्यापारियों को समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
यह ढूंढा समस्या का निदान जिस पर काम किया जाएगा
- फव्वारा चौक से गंदा नाला तक नाले को खोलकर 35 चैंबर बनाएंंगे। इस पर 15 लाख खर्च होने का अनुमान है। चैंबर से बारिश का पानी नाले से आगे बढ़ जाएगा।
- नईसड़क से बड़े नाले तक नई नाली बनाना होगी। यहां के कुछ हिस्से में नाली नहीं होने से बारिश का पानी सड़क पर ही रुक जाता है। नाली बन जाने से बारिश का पानी नाली से होकर बड़े नाले में मिल जाएगा। इस पर 8 लाख रुपए खर्च होंगे।
- खंदार से नलिया बाखल वाले नाले के मुहानों पर स्क्रीनिंग जालियां फिर लगाई जाएंगी ताकि नाले में कचरा नहीं फंसे। नाले से पानी की निकासी आसानी से हो सके।
- बेगमबाग से रुद्रसागर तक 350 मीटर लंबाई में नाले का चौड़ीकरण करना होगा। यहां रुद्रसागर के पास नाले की दीवारें गिर गई हैं। यहां आकर बारिश का पानी रुक जाता है। इस काम कर 65 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।
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