मवेशी का धंधा कर जीविका चलाने वाले प्रकाश उर्फ ओम जाटवा ने मवेशियों की खरीद फरोख्त के दौरान ही लोगों को धमकाना शुरू कर दिया था। यहीं से अपराध की शुरुआत की। 2002 में हत्या के प्रयास में बंद होने के बाद कई अपराध किए। 18 साल में हिस्ट्रीशीटर जाटवा ने 45 अपराध किए, जिसमें तीन हत्या शामिल है। लोगों के जमीन संबंधी उलझे काम सुलझाना समेत वसूली करना जाटवा का काम है। इसी के चलते उसने डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति जुटा ली।
ईदगाह के सामने ही जाटवा के दो मकान हैं, जिसे शनिवार को ध्वस्त कर पुलिस ने गुंडे की आर्थिक कमर तोड़ दी। कार्रवाई के दौरान घर में महिलाएं थी। बड़ी संख्या में पुलिस और निगम अमला देखकर वे सकते में आ गई। उन्होंने अमले से कहा- हमें सामान निकालने दें। निगम के अमले ने सामान निकालने में उनकी मदद की। एएसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि जाटवा को हत्या में सजा हो चुकी थी और वह हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर था, इसके बाद भी लॉकडाउन में युवक की हत्या की थी। जाटवा को भाई समेत अन्य परिचितों का संरक्षण था। उनकी भी पूरी हिस्ट्री चेक करवा रहे है।
रात में पुलिस ने परिवार को थाने भिजवाया, आसपास के लोगों से भी कहा - ताले लगाकर चले जाओ
गुंडे जाटवा का मकान ढहाने के लिए पुलिस ने पूरी रात प्लानिंग की। शुक्रवार रात को ही परिवार को थाने भिजवा दिया ताकि विरोध न कर सके। आसपास के करीब दस घर के लोगों को रात में ही ताले लगाकर कार्रवाई तक अन्य जगह भिजवा दिया ताकि मकान तोड़ने के दौरान आसपास कोई जनहानि न हो। शनिवार को जाटवा के घर के आसपास के मकानों पर ताले लगे हुए थे। पूछने पर भीड़ में खड़े एक मकान मालिक ने कहा कि हमे पुलिस ने सिर्फ इतना कहा था कि शनिवार को बड़ी कार्रवाई होगी इसलिए घर पर कोई न रहे। स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि जाटवा के परिवार का इतना आतंक था कि पूरी गली पर ही उनका कब्जा था।
नागदा से पोकलेन बुलाई, गलियां खाली करवाईं
निगम अमले ने शनिवार को ईदगाह के सामने गली में हत्या के आरोपी के दो पक्के मकान जमींदोज कर दिए। शुरुआत तीन मंजिला पक्के मकान से होना थी। इसके लिए पोकलेन बुलवाई थी। निगम की पोकलेन नागदा में अतिक्रमण तोड़ने गई थी। दोपहर 12 बजे तक पोकलेन नहीं पहुंची। निगम ने सागर कॉलोनी के एक अन्य मकान को जेसीबी से तोड़ने की शुरुआत कर दी। निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल के अनुसार प्रशासन की ओर से मिली सूची के बाद इस तरह की कार्रवाई की जा रही है।
ग्राउंड फ्लोर पर दुकान, दो मंजिल पर कांच का काम
बदमाश ओम के जिस तीन मंजिला मकान को धराशायी किया वह आलीशान था। ग्राउंड फ्लोर पर एक दुकान भी थी, जो खाली थी। उसके पास लोहे का बड़ा गेट था। दो मंजिलों पर कांच और एल्युमिनियम का काम करवाया था। अफसरों के अनुसार 1800 वर्ग फीट में निर्माण करवाया था। निगम ने पहले हथौड़ों से दूसरी और तीसरी मंजिल की दीवारें गिरा दी। इसके अलावा गैलरी में लगे एल्युमिनियम स्लाइडर और कांच को जेसीबी ने तोड़ दिया। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे पोकलेन ने काम शुरू किया।
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