पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक ने 24 सीटों के लिए बनाए गए प्रभारियों से सीधा सवाल किया कि उपचुनाव को लेकर अब तक क्या तैयारी की। इस सवाल का 24 में से 20 विधानसभा के प्रभारी सटीक जवाब नहीं दे पाए। दोनों नेताओं ने हर एक विधानसभा के प्रभारी से अलग-अलग चर्चा कर उप चुनाव की तैयारी और प्रत्याशियों के बारे में पूछा।
विशेषतौर पर भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रभाव वाली ग्वालियर-चंबल अंचल की 16 सीटों पर कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा चरमरा गया है जिसे नए सिरे से खड़ा करना पार्टी के लिए चुनौती बन गया है। इसे देखते हुए फैसला लिया गया है कि उपचुनाव होने तक पार्टी का चुनाव मुख्यालय भोपाल के बजाए ग्वालियर में रखा जाए, ताकि हर एक सीट की राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी रखी जा सके। दोनों नेताओं ने मेहगांव विधानसभा के प्रभारी आलोक चतुर्वेदी, गोहद अजय चौरे, अम्बाह नीलांशु चतुर्वेदी तथा दिमनी और सुमावली के बारे में ब्रजेंद्र सिंह राठौर से अलग-अलग चर्चा की। जौरा के प्रभारी बैजनाथ कुशवाह, मुरैना रामनिवास रावत, ग्वालियर पूर्व पीसी शर्मा, डबरा विजय लक्ष्मी साधौ, भांडेर कमलेश्वर पटेल, करेरा लाखन सिंह यादव, बामोरी सीट के लिए हुकुम सिंह कराड़ा और जयवर्द्धन सिंह, मुंगावली सचिन यादव और अशोकनगर के बारे में संजय यादव समेत अन्य सीटों के प्रभारियों से फीडबैक लिया गया।
प्रभारियों से पूछा- कैसे हो सकेगी जीत
नाथ व वासनिक ने प्रभारियों से पूछा कि सत्ता में वापसी के लिए पार्टी को सभी सीटों पर होने वाले उप चुनाव जीतना होगा। इसलिए इन सीटों पर अब तक की चुनाव तैयारी क्या है। इसका सीधा जवाब न मिल पाने से उनसे कहा गया कि मंडलम और सेक्टर पर संगठन को मजबूत बनाएं। ज्यादा से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं की संगठन में भागीदारी तय की जाए। गुटबाजी को बढ़ावा देने वालों को चिह्नित किया जाए ताकि उन पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
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