श्रीराम दरबार मंदिर परिसर में ब्रह्मलीन गृहस्थ संत पं. देवप्रभाकर शास्त्री दद्दाजी एवं गुरु मां कुंतीदेवी की स्मृति में दद्दा शिष्य मंडल जिला सागर द्वारा संकल्पित निर्माणाधीन मंदिर का नामकरण बुधवार को हुआ। दद्दा शिष्य मंडल की बैठक में नामकरण करते हुए मंदिर का नाम श्री मंशापूरन दद्दा दरबार मंदिर रखा गया है।
गौरतलब है कि दद्दाजी और गुरु मां के ब्रह्मलीन होने के बाद दद्दा शिष्य मंडल द्वारा सागर में उनका पहला मंदिर बनवाया जा रहा है। दद्दाजी एवं गुरु मां की प्रतिमा निर्माण कार्य जयपुर में चल रहा है। मंदिर का स्लैब ढल चुका है एवं मंदिर के शिखर के मंदिर की डिजाइन तैयार करने के लिए महाराष्ट्र नांदेड़ से विशेषज्ञ कारीगर की टीम आई है। जो कि शिखर का काम रक्षाबंधन के बाद से प्रारंभ करेंगे। उन्होंने अभी प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। 24 फीट ऊंचाई के शिखर सहित मंदिर का निर्माण कार्य 27 लाख रुपए की अनुमानित लागत से तीन माह में पूरा होने की संभावना है। मंदिर में विशेष सजावट एवं भव्यता देने के लिए मुंबई के आर्किटेक्ट का सहयोग भी लिया जा रहा है। मंदिर में विशेष लाइटिंग एवं पौधरोपण की तैयारियां भी की जा रही हैं। दद्दा शिष्य मंडल की बैठक में तैयारियों की समीक्षा एवं आय व्यय का लेखा जोखा भी प्रस्तुत किया गया। साथ ही मंदिर निर्माण का निरीक्षण भी किया गया ।
बैठक में दद्दा शिष्य मंडल के सदस्य डॉ. सुखदेव मिश्रा, अजीत सिंह ठाकुर, सुरेंद्र सुहाने, वीरेंद्र गौर, उत्तम सिंह ठाकुर, निकेश गुप्ता, प्रमोद उपाध्याय, शांतिस्वरूप दुबे, अजय साहू, शील चौबे, अजय गर्ग, मनीष अग्रवाल, मोनू शर्मा, केशव महराज, अखिलेश गौर, हेमंत रायकवार, रिंकू सूर्यश, अमित पाठक आदि शामिल हुए।
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