मध्य प्रदेश में अनेक शहरों में मानसून मेहरबान है और औसत से बेहतर बारिश दर्ज हुई, पर जबलपुर उन शहरों में शामिल है जहाँ औसत के करीब तक बारिश नहीं पहुँच पा रही है। अभी तक के बीते मानसून सीजन में मौसम विभाग ने जो आकलन निकाला है उसके अनुसार शहर में औसत से 36 फीसदी कम बारिश हुई है। इस बार के मानसून सीजन में विशेष बात यह है किबारिश का अंतराल भी बढ़ रहा है। 10 से 12 दिनों से शहर में इतनी बारिश तक नहीं हो सकी है कि वर्षा मापक यंत्र में दर्ज हो सके।शहर में मानसून के बादल तो गायब हैं तो लोकल क्लाउड भी किसी तरह से नहीं बरस रहे हैं। लोकल बादल सुबह और दोपहर के वक्त आसमान में कुछ दिखाई देते हैं, पर यह गिरकर कुछ राहत पहुँचा सकें ऐसे हालात बिल्कुल नहीं हैं। मौसम वैज्ञानिक देवेन्द्र तिवारी कहते हैं कि बंगाल की खाड़ी से लगे इलाकों में कम दबाव है जिससे उम्मीद है किमध्य प्रदेश में अगले दो से तीन दिन बाद कुछ बारिश हो जाए। अभी केवल और केवल स्थानीय बादल ही बरसात करा सकते हैं। शहर में शनिवार को अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री पर रहा जो सामान्य से 4 डिग्री ज्यादा, तो न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री के साथ 2 डिग्री अधिक रहा।
बांध में पानी आने की रफ्तार घटी
मण्डला और डिण्डौरी में भी बारिश का दौर थम चुका है जिससे बरगी बाँध में पानी आने की रफ्तार थम सी गई है। बाँध में 301 घनमीटर प्रतिसेकेण्ड की रफ्तार से पानी आ रहा है जो कुछ दिन पहले तक 1800 के करीब था। बाँध से 269 घनमीटर प्रतिसेकेण्ड की रफ्तार से पानी बाहर जा रहा है। इस तरह जितना पानी आ रहा है उतना ही छोड़ा जा रहा है। बाँध में जल भराव नहीं बढ़ पा रहा है। अभी बाँध का जलस्तर 414.60 मीटर पर है।
इन हालातों में कुछ आस
- सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर चक्रवात।
- बंगाल की खाड़ी से लगे हुए इलाके में कम दबाव।
- यह बरसात भी 2 से 3 दिन बाद हो सकती है।
- इन हालातों में पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश संभव।
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