सहकारी समितियों में खाद का टाेटा है। बुधवार को किसानों ने सहकारिता सोसाइटी केंद्राें पर पहुंचकर यूरिया नहीं मिलने पर जमकर हंगामा किया। किसानाें का आरोप है कि सोसाइटी में पर्याप्त मात्रा में यूरिया खाद नहीं पहुंच रहा है। सोसाइटियों की तरफ से 800 मीट्रिक टन की डिमांड भेजी है, जबकि बुधवार काे कुल 25 मीट्रिक टन, 560 बोरियां ही पहुंचीं।
आठनेर के किसान शशिभूषण जायसवाल, प्रदीप जायसवाल, प्रदीप झोड़, मृदुल जायसवाल, अमित जायसवाल ने बताया डिमांड के हिसाब से मात्र एक चौथाई यूरिया मिल रहा है। यूरिया की बहुत आवश्यकता है, लेकिन अभी तक नहीं मिल पाया है। सहकारी समिति हिड़ली, पुसली, मांडवी, सातनेर, धनोरा, बोथी, बेलकुंंड सहित आठनेर साेसाइटी में यूरिया खाद का टोटा बना हुआ है।
यूरिया की गाड़ी आते ही किसानाें ने किया हंगामा : बुधवार काे साेसाइटी में यूरिया की गाड़ी आते ही किसानों ने हंगामा खड़ा किया। स्थिति बिगड़ती देख समिति प्रबंधक भोजराव गायकवाड़ ने थाना में सूचना दी। थाना प्रभारी डीएस टेकाम ने स्थिति संभाली।
3 हजार मीट्रिक टन की आवश्यकता
आठनेर ब्लाॅक को मात्र 100 मीट्रिक टन यूरिया और100 मीट्रिक टन डीएपी दिया गया है। गोदाम प्रभारी केआर गावंडे ने बताया कि 1 अप्रैल से अब तक केवल 11 सौ मीट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ है। जबकि ब्लॉक में तीन हजार मीट्रिक टन की डिमांंड है। यूरिया की किल्लत के चलते दिक्कतें बढ़ गई हैं।
यूरिया की कालाबाजारी
आठनेर तहसील क्षेत्र में यूरिया की कालाबाजारी होने की भी जानकारी मिली है। यूरिया की सरकारी दर 267 रुपए है, लेकिन काला बजारी में यही यूरिया 500 रुपए प्रति बोरी की दर से बिक रहा है। इधर सोसाइटी का कहना है कि यूरिया की डिमांड काफी दिनों से भेजी है, लेकिन अभी तक पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी नहीं मिल पाए हैं।
पर्याप्त मात्रा में नहीं मिला यूरिया
^सोसाइटी ने 800 मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड की है। बुधवार काे 25 मीट्रिक टन 560 बोरी पहुंची है। किसानों को प्रति हेक्टेयर 3 बोरी के हिसाब से यूरिया खाद उपलब्ध कराना है।
- भोजराज गायकवाड़, प्रभारी प्रबंधक सोसाइटी, आठनेर
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