भाजपा के वरिष्ठ नेता भंवरसिंह शेखावत एक बार फिर आक्रोशित नजर आए। शेखावत ने कहा कि पांच माह से लॉकडाउन के चलते व्यापार-व्यवसाय चौपट पड़ा है। एेसे में लेफ्ट-राइट से दुकानें खोलने, फुटपाथ-ठेलों वालों को हटाने जैसे निर्णय लेकर प्रशासन ठीक नहीं कर रहा है। एेसा न हो कि सब्र का बांध टूट जाए अौर जनांदोलन खड़ा हो जाए। जरूरत पड़ी तो मैं खुद इसका नेतृत्व भी करूंगा।
शेखावत ने मंत्री तुलसी सिलावट को भी आड़े हाथों लिया अौर कहा कि वे चुनाव लड़ने में व्यस्त हैं। सुबह से सांवेर के लिए निकल जाते हैं अौर रात को लौटते हैं। एेसे में कोरोना संकट से जुड़े फैसले लेने वाला कोई नहीं है। प्रशासन मनमाने तरीके से फैसले लागू कर रहा है। जनप्रतिनिधि सुझाव देने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं। मेरा मानना है कि सिलावट के बजाय मंत्री उषा ठाकुर को इंदौर का प्रभार दिया जाना चाहिए ताकि इंदौर को लेकर सही और बेहतर फैसले जनहित में लिए जा सकें। शेखावत ने यह भी कहा कि स्कूलों में अॉनलाइन पढ़ाई केनाम पर भी लूट मची हुई है। मध्यमवर्गीय, निम्न वर्ग परेशान हैं।
दो दिन बंद, पांच दिन खुले व्यापार
शेखावत ने कहा कि पांच महीनों में व्यापार-व्यवसाय सबकुछ खत्म हो गए। लोगों की नौकरियां चली गईं। व्यापारी अब चाहते हैं कि उनको काम करने का मौका दिया जाए। एेसे में एक अोर की दुकान चालू, दूसरी ओर की बंद। इन सभी की जगह मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि संक्रमित क्षेत्रों में दो दिन का लॉकडाउन रखा जाए, उसे करें। बाकी पांच दिन पूरी तरह से खोला जाए। ठेले वाले, फुटपाथ वालों को निगम के लोग हटा रहे हैं। व्यापारी भी इनसे परेशान हैं।
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