रक्षाबंधन का पर्व साेमवार काे मनाया जाएगा। इसके एक दिन पहले टोटल लॉकडाउन की वजह से सुबह से ही बाजार नहीं खुले। अचानक प्रशासन ने दोपहर में मिठाई व राखी की दुकानें खोलने का कहा। इस पर व्यापारी और आमजन असमंजस में रहे। इस पर्व पर बहनें अपने भाइयों से उनकी रक्षा का वचन लेती है और भाइयों काे रक्षा सूत्र बांधती है। वर्तमान में काेराेना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, ऐसे में बहनें इस बार अपने भाइयों से मास्क और साेशल डिस्टेंस के नियम के पालन करने का वचन लें, ताकि हम काेराेना से लड़ाई जीत सकें। अगर भाई अपनी बहन काे यह वचन देकर नियमों का पालन करते हैं ताे काेराेना संक्रमण काे फैलने से काफी हद तक राेका जा सकता है, क्याेंकि यह संक्रमण संपर्क में आने पर ही व्यापक प्रभाव डालता है।
पर्व पर इस बार कई संयाेग
रक्षाबंधन पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह त्याेहार इस बार कई शुभ संयोगों के साथ आ रहा है। रक्षाबंधन पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योग, आनंदादि सिद्धि योग, रवि योग, श्रवण नक्षत्र, दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा और प्रीति योग बन रहा है, जो बहुत फलदायी है। शुभ योग में रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहनों की दीर्घायु, समृद्धि, सुख, सौभाग्य से परिपूर्ण रहेगा।
दाेपहर 2 बजे बाद आया आदेश, दुकानें खुली तेज गर्मी से भी बाजार में रहा सन्नाटा
रक्षाबंधन पर्व काे लेकर व्यापारी संगठनाें द्वारा रविवार की जगह मंगलवार काे लाॅकडाउन रखने की मांग की गई थी, ताकि आमजन काे भी राहत मिल सके और व्यापारी भी त्याेहारी सीजन का लाभ ले सके। बावजूद कलेक्टर ने व्यापारी संगठन की मांग काे खारिज कर रविवार काे लाॅकडाउन के आदेश दे दिए थे। रविवार काे आधे दिन बाद प्रशासन की नींद उड़ी और आमजन की परेशानी काे देखते हुए दाेपहर 2 बजे बाद राखी और मिठाई दुकानों काे खाेलने के आदेश दिए। आदेश आने के बाद व्यापारियाें ने दुकानें खाेली, लेकिन दाेपहर में तेज गर्मी हाेने से बाजार में सन्नाटा रहा। शाम 5.30 बजे बाद बाजार में हलचल बढ़ी और लाेग खरीदारी करने निकले। व्यापारियाें का कहना था कि प्रशासन काे पहले ही आमजन की परेशानी काे देखते हुए रविवार लाॅकडाउन नहीं रखने का निर्णय लेना था।
इस बार भद्रा का अड़ंगा नहीं, सुबह 9.25 तक ही रहेगी
शास्त्राें के अनुसार भद्रा में रक्षासूत्र नहीं बांधा जाता है। साेमवार सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक भद्रा रहेगी। इसके बाद से भद्रा खत्म हाे जाएगी और रक्षाबंधन पर्व की पूजा-पाठ कर राखी पर्व मनाया जा सकेगा। सर्वप्रथम अपने घर मंदिर के भगवान की पूजा करें, उन्हें राखी बांधे, उन्हें भोग लगाएं। उसके बाद बहनें अपने भाइयों की कलाइयों पर शुभ मुहूर्त में राखी बांधे।
संक्रमण ने बदली लाइफ स्टाइल त्योहारों की रस्मों को भी बदला
नागदा | सोमवार सुबह राखी का उल्लास घर-घर में छाएगा, लेकिन इस बार की राखी अलग है। कारण कोरोना संक्रमण है। संक्रमण ने लोगों की लाइफ स्टाइल के साथ त्योहारों की रस्मों को भी बदल दिया है। बहनें भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर सुरक्षा संकल्प के साथ मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन करने का वचन लेंगी, ताकि हम कोरोना से जंग जीत सके। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पर्व को मनाए जाने के तौर तरीकों के बारे में भास्कर ने शहर के कुछ भाई-बहनों से चर्चा की।
हॉट स्पॉट से शहर पहुंचा भाई, ख्याल रखने का लूंगी संकल्प
न्यू आदर्श गांधी ग्राम कॉलोनी निवासी हिमांशु पंडित गुजरात के वडोदरा में जॉब करते हैं। पर्व मनाने नागदा पहुंचे हैं। बहन रजनी पंडित इंदौर के दसई गांव से राखी मनाने नागदा पहुंची है। दोनों बहन-भाइयों की राखी हर बार से अलग है। दोनों संक्रमित क्षेत्रों से एहतियात बरतकर घर पहुंचे हैं। पर्व की तैयारी के लिए मिठाई से अधिक कीमती सैनिटाइजर खरीदा है। हिमांशु बताते हैं कि कोरोना से भय नहीं है, लेकिन संक्रमण का असर कब से शुरू हो इसका पता नहीं चलता। रजनी ने बताया कि इस बार भाई से हमेशा मास्क पहनने का संकल्प लूंगी। कारण लड़के स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही बरतते हैं।
कम ही मेहमान आएंगे, हर बार पंवार के यहां लगता था मेला
उत्कृष्ट सड़क महिदपुर रोड निवासी नीरज पंवार बतातेे हैं कि उनकी बहन चेतना महिदपुर से राखी मनाने घर आएंगी। किसी ने यह नहीं सोचा था कि 2020 में राखी इस तरह की होगी। हर साल मेहमानों से घर भरा रहता था। इस बार कुछ मेहमानों ने स्वयं ही आने से मना कर दिया तो संक्रमित शहरों के मेहमानों को हमारे द्वारा दबे मन से आने की मनाही कर दी गई। पहले शहरों तक संक्रमण का खतरा था। अब गांवों में जा पहुंचा है। दूरी रखकर पर्व मनाने में ही भलाई है।
राजधानी भोपाल में खतरा ज्यादा, इसलिए बहन ने भेज दी राखी
प्रकाश नगर निवासी सुरेश ठाकुर की बहन मोहिनी ठाकुर का विवाह राजधानी भोपाल में हुआ है। जिस इलाके में ठाकुर रहती हैं, वहां घर से निकलना कोरोना को न्यौता देना है। भाई और परिवार की सुरक्षा को देखते हुए मोहिनी ने पोस्ट करके राखी भेजी है। सुरेश बताते हैं कि हर बार बहन पर्व के 5 या 6 दिन पूर्व नागदा आ जाती थी, लेकिन कोरोना के चलते इस बार बिना बहन के ही राखी बनाकर संतोष करना पड़ेगा।
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