वार्ड आरक्षण के बाद कांग्रेस और भाजपा में अभी से दावेदारों के बीच जद्दोजहद शुरू हो गई है। कुछ दावेदारों ने तो खुद का टिकट तय मानकर पटाखे भी चलवा दिए तो कुछ ने सोशल मीडिया पर अभी से प्रचार शुरू कर दिया, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उन 26 अनारक्षित वार्डों पर आएगी, जिन पर कई निवर्तमान पार्षद निगाह लगाए बैठे हैं। इन सामान्य वार्डों में दोनों दलों में कम से कम 250 से अधिक दावेदार हैं। टिकट कटा तो इनकी नजर 22 महिला वार्डों में पत्नी या मां को चुनाव लड़ाने पर है।
कांग्रेस में गुटबाजी के साथ विधानसभा चुनाव के समय किए गए वादे निभाने की बड़ी चुनौती
- विस क्षेत्र 1 : यहां वार्ड 10 और 13 अनारक्षित हुए हैं और ज्यादा दावेदार यहीं हैं। अब तक पार्षद रहे दीपक जैन, मनोज मिश्रा, अश्विन शुक्ला, गोपाल मालू के अलावा सुरेंद्र वाजपेयी सहित कई नेता यहां टिकट के लिए टकटकी लगाए हुए हैं। कांग्रेस में सर्वेश तिवारी, दीपू यादव विधानसभा चुनाव के वादों के कारण एडजस्ट होने की उम्मीद कर रहे हैं।
- क्षेत्र 2 : यहां भाजपा में सारे निर्णय कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला करते हैं, लेकिन इस बार पेंच ये है कि चंदू शिंदे, मुन्नालाल यादव, राजेंद्र राठौर और हरिनारायण यादव अपने बेटों को टिकट दिलाना चाहते हैं। इनमें कुछ अनारक्षित वार्ड चाहते हैं। कांग्रेस में चिंटू चौकसे इस बार वार्ड 21 में खुद दावेदारी करेंगे, अन्य गुटों के नेता भी दौड़ में हैं।
- क्षेत्र 3 : यहां के अनारक्षित वार्ड 64 से कांग्रेस में पहला नाम अरविंद बागड़ी का है, क्योंकि वे पहले भी यहां से पार्षद रहे हैं, लेकिन भाजपा में बड़ी जद्दोजहद है। पूर्व में लड़े उमेश शर्मा के अलावा सुमित मिश्रा, मनीष शर्मा मामा, महेश पालीवाल और रामदास गर्ग भी यहां से टिकट की उम्मीद लगा रहे हैं, क्योंकि बाकी वार्डों में इनकी संभावनाएं नहीं बचीं।
- क्षेत्र 4 : पलसीकर वाले वार्ड 66 के अनारक्षित होने के बाद प्रकाश पारवानी, नरेश फुंदवानी, संजय पंजाबी और पूर्व पार्षद श्यामलाल राजदेव के बेटे योगेश के बीच जद्दोजहद होगी। सांसद शंकर लालवानी का वीटो इस वार्ड में भूमिका निभाएगा। वार्ड 65 सिंधी कॉलोनी में जेपी मूलचंदानी, जवाहर मंगवानी, खेमचंद शादीजा में चुनाव परेशानी पैदा करेगा।
- क्षेत्र 5 : कांग्रेस में अमन बजाज, शेख अलीम, छोटे यादव, उस्मान पटेल, इकबाल खान के लिए सीमित विकल्प हैं। भाजपा में दिलीप शर्मा, अजय सिंह नरूका, होलास सोनी, राजेश उदावत, दिलीप पाटनी, प्रणव मंडल जैसे नेताओं के साथ दिक्कत ये है कि इन्हें अनारक्षित 49 और 50 में ही टिकट चाहिए।
- राऊ : अनारक्षित वार्ड 80 में ज्यादा दिक्कत नहीं। नीलेश चौधरी, मनस्वी पाटीदार, बबलू शर्मा के लिए वार्ड 78 (पिछड़ा) व 81 (अनारक्षित) का विकल्प है।
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