शहर में ग्रीन कैटेगरी के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर नदारद हैं। ड्यूटी डॉक्टर मरीजों को टाल रहे हैं। भास्कर स्टिंग में यह खुलासा होने के बाद शनिवार को प्रशासन ने सख्त कदम उठाए। कलेक्टर मनीष सिंह ने सभी अस्पताल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वह अस्पताल के बाहर या अंदर एक स्क्रीनिंग सेंटर बनाएं और जो मरीज कोरोना के लक्षण वाले नहीं हैं, अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, उनका उपचार किया जाए। स्क्रीनिंग में अगर यह पाया जाता है कि मरीज को यलो श्रेणी के अस्पताल में शिफ्ट किया जाना है तो उस मरीज को संभालकर वहीं आइसोलेशन क्षेत्र में (यह अस्पताल के प्रवेश के कक्ष के रूप में भी हो सकता है) रखा जाए एवं यलो अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर को इसकी जानकारी दी जाएगी। वहीं अस्पतालों के परामर्श डॉक्टरों को भी आना है और उन्हें अपनी सेवाएं अस्पतालोें में पूर्ववत देना है। नहीं आने पर पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई होगी। कलेक्टर ने कहा इस समय जनता आपको भगवान की तरह देख रही है। सभी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, मैं भी रोज रानीपुरा जैसे संक्रमित एरिया में जा रहा हूं, हमने अपनी मर्जी से यह काम चुना है, तो करना ही है। जिस तरह का रवैया अस्पतालों ने अपनाया हुआ है उसे कोई भी पसंद नहीं कर रहा है ना शहर का जनप्रतिनिधि ना मीडिया ना शहर की जनता। इस विपत्ति के समय आप सभी लोगों को मिलकर साथ देना चाहिए। इस युद्ध में साथ लड़ना चाहिए। आप भगवान हैं, आपका काम जान बचाने का है।
अगर मरीजों से दूर भागे तो गिरफ्तार होंगे डॉक्टर
ऐसे मरीज जिन्हें किसी भी अस्पताल में इलाज प्राप्त होने में समस्या उत्पन्न हो रही है तो वे कलेक्टर कार्यालय के कंट्रोल रूम में 0731-2363009 पर शिकायत करें। ग्रीन अस्पताल के ड्यूटी डॉक्टर भी इस नंबर पर फोन कर किस यलो अस्पताल में बेड खाली है, इसकी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। ग्रीन अस्पताल के संचालन के लिए चन्द्रमौलि शुक्ला (9406801008, email- greenhospitalinfo@gmail.com) को जिम्मेदारी दी गई है। वह सभी अस्पतालों से संपर्क में रहेंगे। कलेक्टर ने अस्पताल संचालकों को निर्देशित किया है कि 12 अप्रैल को सुबह 10 बजे तक ग्रीन श्रेणी के अस्पतालों के स्टाफ की जानकारी दें। नहीं आने वालों को गिरफ्तार कर अस्थायी जेल में तब तक रखा जाए जब तक वे चिकित्सालय में सेवा देने के लिए सहमति नहीं दे देते।
कोरोना से मौत, परिजन बोले- एमवायएच में ठीक है कहकर घर भेज दिया
इंदौर। कोरोना पॉजिटिव एक व्यापारी की मौत हो गई। परिजन का आरोप है एमवायएच की लापरवाही के कारण जान गई। मृतक 51 वर्षीय हरीश हरियानी निवासी पैलेस कॉलोनी है। परिजन हिमांशु लालवानी ने बताया व्यापारी को 26 मार्च से सर्दी-खांसी हो रही थी। 4 अप्रैल को एमवाय ले गए तो डॉक्टर और नर्स ने इलाज करना तो दूर, उन्हें हाथ तक नहीं लगाया और कहा- सब ठीक है। घर ले जाओ। उनकी परेशानी को देख हम सुयश हॉस्पिटल ले गए जहां एडमिट किया गया लेकिन 5 अप्रैल को मौत हो गई। उनका कहना है यदि समय पर एमवाय में इलाज मिल जाता तो आज वे हमारे बीच होते। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
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