कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के बीच अलग-अलग राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं। ये प्रवासी मजदूर लगातार अपने घर वापस जाने की मांग कर रहे हैं। राजस्थान, हरियाणा और उप्र में फंसे मजदूरों को वापस लाए जाने की तैयारियों में जिला प्रशासन लगा है। टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले के करीब 15 हजार ऐसे लोगों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है, जो दूसरे राज्यों या मप्र के दूसरे जिलों में फंसे हुए हैं। लॉकडाउन के बाद से लगातार प्रवासी मजदूरों का आवाजाही लगी हुई है।
अब तक दोनों जिले में करीब 59 हजार मजदूरों की वापसी हो चुकी है। हैरान करने वाली बात है कि इनमें से दो मजदूर जो इंदौर से लाैटे थे, उनमें कोरोना की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद दोनों संक्रमित युवक आइसोलेट हैं। मुख्यमंत्री प्रवासी योजना के तहत मंगलवार को जिले से बाहर रहने वाले 400 मजदूरों को 6 बसों से वापस लाया गया। यह मजदूर मुरैना, ग्वालियर अौर अन्य शहरों में फंसे हुए थे। इन मजदूरों को टीकमगढ़ स्थित कई भवनों में क्वारेंटाइन किया गया है। जिला पंचायत सीईओ हर्षल पंचोली ने बताया कि निवाड़ी टीकमगढ़ जिले के 15 हजार लोग अभी बाहर फंसे हुए है। जिन्हें चिंहित करके लाने की तैयारी है। वहीं 11 सौ लोगों के खाते में राशि भेजने की तैयारी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग और परीक्षण किया जा रहा है।
विधायकों से लोग लगा रहे वापस बुलाने की गुहार
खरगापुर विधायक राहुल सिंह ने बताया कि करीब 60 लोगों के परिजन अब तक उन्हें आवेदन देकर जिले में वापस बुलाने के लिए आवेदन दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र के करीब 100 मजूदरों के खाते में विधायक निधि से 1-1 हजार रुपए और सीएम सहायता के माध्यम से 1-1 हजार रुपए की राशि भिजवा चुके हैं। जिससे बाहर रहने वाले क्षेत्र के लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या न आए। वहीं टीकमगढ़ विधायक ने बताया कि करीब 70 लोगों के परिजनों ने महानगरों से वापस बुलाने के लिए आवेदन दिया है।
जिनके स्वयं के वाहन उन्हें ई-पास दिया जाएगा: जिला पंचायत सीईओ हर्षल पांचोली ने बताया कि जिन 15 हजार लोगों की लिस्ट तैयार की गई है। उनमें ऐसे लोगों को अलग किया जा रहा है। जिनके पास स्वयं के वाहन है। स्वयं के वाहन वालों को ई-पास दियाजाएगा। जिसके आधार पर वह अपने जिले में वापसी कर सकेंगे। वहीं जिनके पास वाहन की सुविधा नहीं है। उन्हें वाहन भेजकर बुलवाया जाएगा।
खेतों में कृषि विभाग ने कटाई की शुरू
लमेरा के कटेंनमेंट जोन में 14 दिनों को सभी कार्य बंद कर दिए थे। मंगलवार से खेतों में खड़ी फसल की कटाई कृषि विभाग ने कराना शुरूकर दिया। है। पहले दिन 24 किसानों के खेतों में पड़ी फसल की थ्रेसिंग की गई। जिस किसान का जितना भी गेहूं होगा, उसको उतना दे दिया जाएगा। कृषि विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि हाल में इस क्षेत्र में विभाग द्वारा कटाई की जाएगी। जिससे किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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