जिला अस्पताल में कोविड-19 का परिसर। यहां बुधवार दोपहर करीब 2 बजे नजारा ही कुछ ओर था। बाहर खड़े प्रशासन के आला अफसरों के हाथ में फूल थे और इंतजार था कोरोना को हराकर बाहर आ रहे मरीजों का। जैसे ही स्वस्थ होकर 19 मरीज बाहर आए, अफसरों ने तालियां बजाई और उन पर फूल बरसाना शुरू कर दिए। कोराने विजेता बाहर आए और इनमें से 10 जमातियों ने रमजान के पाक मौके पर डॉक्टरों व अफसरों के लिए दुआएं मांगी। कहा- जुबां से हम शुक्रिया अदा नहीं कर सकते। अब हम अन्य मरीजों की जान बचाने के लिए अपना प्लाज्मा भी अन्य मरीजों के लिए देंगे। हंसी-खुशी सभी एंबुलेंस में बैठ गए, जहां से उन्हें घर ले जाया गया। इस दौरान डॉक्टर्स ने सभी कोरोना विजेताओं को अगले दो सप्ताह तक होम क्वारेंटाइन रहकर पूरी सावधानी बरतने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की समझाइश दी। अब राहत की खबर ये है कि कोविड-19 सेंटर में 20 दिन में 31 कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। आइसोलेशन वार्ड में सिर्फ 8 मरीज बचे हैं, जबकि 4 का इंदौर में इलाज चल रहा है।
इन मरीजों की हुई छुट्टी
सलीम सनव्वर (23) सेफ फैयाज (32), मोहम्मद वसीम (37), हनीफ खान (69), सुफियान खान (23), मोहम्मद यूनूस (48), जहुर खान (70), मोहम्मद लुकमान (35), मोहम्मद इकराम (30), शेख फरीद (57), मकसूद खान (70), मोहम्मद सईद खान (42), मोहम्मद इदरीश (41), शाहबाज खान (45), राधेश्याम मालवीय (50), विजय तिवारी (40), मनीषा पटेल (35), कासिम बैग (20), पदमा मसानी (20) शामिल है।
इंदौर से खंडवा आने में हो गई पॉजिटिव
इंदौर में सब इंस्पेक्टर की तैयारी कर रही हूं। लॉकडाउन में इंदौर में फंस गई थी। 28 मार्च को सड़क मार्ग से खंडवा आई। शरीर में कोरोना के लक्षण भी नहीं थे। समझ नहीं आ रहा कैसे संक्रमित हो गई। खंडवा पहुंचने के बाद मेरा मन नहीं माना। मैंने खुद आगे रहकर कोविड-19 जांच करवाई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भर्ती हो गई। नहीं तो मेरा पूरा परिवार और रिश्तेदार परेशान होते। जांच कराने में डरे नहीं। आत्मविश्वास से किसी भी बीमारी को हरा सकते हैं।
-पदमा मसानी, कोरोना विजेता
प्लाज्मा देने को तैयार हैं हम
उपचार के दौरान ही हमने प्लाज्मा दान करने का मन बना लिया है। अल्लाह का शुक्र है सभी साथी ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं। हमारा खून इंसानियत के काम आएगा, इसके लिए हम एक-एक कतरा देने को तैयार है।
-हाजी फरीद शेख, कोरोना विजेता
इलाज के लिए सूरत गए, पॉजिटिव हो गए
पापा के साथ इलाज के लिए सूरत गया था। 8 मार्च को शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद मन नहीं माना तो खुद की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली। कई बार याद किया कि सूरत से खंडवा की यात्रा के दौरान कहीं किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज से मुलाकात तो नहीं हुई। कुछ समझ नहीं आ रहा था। मन में बार-बार संदेह हो रहा था।। पापा और मैंने सेंपल जांच करवाएं। मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। कोविड-19 सेंटर से फोन आया कि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
-कासम बैग, कोरोना विजेता
वार्ड में कोरोना वारियर्स बनकर बिताए 15 दिन, वहां मरीज तनाव में थे
कोरोना को हराकर 15 दिन बाद आइसोलेशन वार्ड से बाहर निकले बोरगांव पुलिस चौकी प्रभारी राधेश्याम मालवीय का कोरोना से जंग जीतने का अलग ही अंदाज था। मालवीय ने कहा 15 अप्रैल को मेरी पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भर्ती कराया गया। उस समय थोड़ा डर जरूर था पर मैंने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया। मैं तो यह मानकर ही गया कि कोराेना पॉजिटिव मरीजों के बीच मुझे ड्यूटी करना है। आइसोलेशन वार्ड में कुछ मरीज ऐसे भी थे जो असंतुष्ट थे। परिवार से दूर होकर उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था। कई लोग तनाव में थे कि लोग क्या कहेंगे। उन्हें व उनके परिवार से छूआछूत करेंगे। मैंने उन लोगों काे समझाने की कोशिश की। कहा काेराेना से डरने की जरूरत नहीं है। अब मुझे ही ले लीजिए, मैं तो लोगों को समझा रहा था और खुद ही चपेट में आ गया। मैंने खुद आगे रहकर सैंपल कराया। मुझे तो ऐसा लगा कि मैं आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर हूं।
कंटेनमेंट क्षेत्र में पड़ावा गणेश मंदिर क्षेत्र भी शामिल
मंगलवार रात कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर कलेक्टर ने गणेश मंदिर के पास पड़ावा क्षेत्र को नया कंटोनमेंट क्षेत्र घोषित किया है। इसके साथ ही पूर्व से घोषित खड़कपुरा-इमलीपुरा कंटोनमेंट क्षेत्र की सीमा का पुनः निर्धारण किया गया है। कंटेनमेंट क्षेत्र के सर्विलांस के लिए अधिकारियों का दल गठित किया गया है, जिसमें इन्सीडेंट कमांडर के रूप में एसडीएम संजीव पांडे रहेंगे।
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