कोरोना संकट से जूझ रहे शहर के लोगाें पर नगर निगम ने संपत्तिकर का बोझ बढ़ाने की तैयारी कर ली है। संपत्तिकर की वसूली बढ़ाने के लिए तैयार कराए नए प्रस्ताव में जहां औद्योगिक क्षेत्रों के लिए एक नया परिक्षेत्र क्रमांक 6 बनाया गया है, वहीं शहर की पॉश कॉलोनियों को आवासीय परिक्षेत्र से हटाकर मुख्य मार्गाें के परिक्षेत्र क्रमांक चार में जाेड़ा गया है। अब तक शहर को पांच परिक्षेत्रों में बांटकर ही संपत्तिकर की वसूली की जाती है। इनमें से तीन परिक्षेत्र आवासीय क्षेत्रों के लिए हैं। नए प्रस्ताव के पास होते ही औद्योगिक इकाइयों को 23 से 50 फीसदी तक टैक्स ज्यादा देना होगा। वहीं कई आवासीय कॉलोनियों के संपत्ति स्वामियों पर 30 से 40 फीसदी तक बोझ बढ़ जाएगा।
मौजूदा व्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्रों से उसी दर से वसूली की जाती है, जिस परिक्षेत्र या क्षेत्र में वह स्थित है। लेकिन नए वित्तीय वर्ष में नई दरों से वसूली की जाएगी। सिटी सेंटर, कलेक्टोरेट क्षेत्र, सिरोल रोड सहित एजी ऑफिस व फूलबाग आदि के आसपास की तमाम कॉलोनियाें को अावासीय परिक्षेत्र से हटाकर मुख्य मार्गाें के परिक्षेत्र में शामिल कर दिया गया है। आवासीय परिक्षेत्रों की वार्षिक भाड़ा मूल्य की अधिकतम दर 16 रुपए फीट है, जबकि मुख्य मार्ग की संपत्ति की दर 21 रुपए फीट है। संपत्तिकर वसूली का नया प्रस्ताव तैयार कर प्रशासक की ओर भेज दिया गया है। वहां से मंजूूरी मिलने के साथ ही नए प्रस्ताव के हिसाब से वसूली की जाएगी। याद रहे, काेरोना संकट के चलते किए गए लॉकडाउन के कारण नए वित्तीय वर्ष की वसूली अभी शुरू नहीं हो पाई है।
आवासीय... सिटी सेंटर स्थित पटेल नगर काॅलोनी अभी तक परिक्षेत्र क्रमांक एक में शामिल है। यहां वार्षिक भाड़ा मूल्य की दर 16 रुपए वर्ग फीट है। इसके हिसाब से यहां 1200 फीट के मकान का संपत्तिकर 1391 रुपए बनता है। नई व्यवस्था में इस कॉलोनी को मुख्य मार्ग के परिक्षेत्र क्रमांक चार में शामिल किया गया है। अब यहां की आवासीय संपत्तियों पर 21 रुपए वर्ग फीट की दर लागू हाेगी और 1200 फीट की संपत्ति का टैक्स 1788 रुपए होगा। संपत्ति स्वामी पर लगभग 30% का बोझ बढ़ जाएगा।
औद्योगिक क्षेत्र... 10 हजार वर्गफीट के उद्योग में जिसमें 4000 वर्गफीट का निर्माण है और शेष खुली भूूमि है। ऐसे उद्योगपति को अब तक पक्के निर्माण के लिए निर्धारित वार्षिक भाड़ा मूल्य की दर 16 रुपए वर्गफीट के हिसाब से 10276 रुपए संपत्तिकर देना पड़ता था। नए प्रस्ताव के अनुसार उन्हें 12650 रुपए संपत्ति कर देना होगा। जो लगभग 23 फीसदी अधिक होगा। हालांकि अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों के हिसाब से राशि का बाेझ और भी बढ़ेगा।
वसूली का क्षेत्र बढ़ाते तो बढ़ जाता राजस्व
संपत्तिकर वसूली में लगे अधिकारियों ने मेहनत से बचने के लिए शॉर्टकट तलाश कर लिया है। निगम के संपत्तिकर रजिस्टर में शहर की 2.50 लाख संपत्तियां दर्ज हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में इनमें से सिर्फ 1.02 लाख संपत्तियों से 56 करोड़ की वसूली की गई थी। वसूली का दायरा बढ़ाकर यदि अन्य संपत्तियों से भी वसूली की जाती तो भी राजस्व अधिक मिल जाता, लेकिन घर-घर घूमने की मेहनत से बचने के लिए ऐसे करदाताओं पर ही संपत्तिकर का बाेझ बढ़ा दिया, जो ईमानदारी से हर साल कर जमा कर रहे हैं।
बदलाव का प्रस्ताव प्रशासक के पास भेज दिया गया है
-संदीप माकिन, निगमायुक्त के मुताबिक,संपत्तिकर में थोड़ा-बहुत बदलाव कर प्रस्ताव प्रशासक के पास भेजा गया है। उनसे मंजूूरी के बाद ही तय होगा कि किस तरह लागू किया जाए। वर्तमान स्थिति काे देखते हुए ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं।
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