
लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण मजदूर व छोटे व्यापारियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। वहीं भीषण गर्मी के बीच पेयजल संकट के हालात बन गए हैं। अंचल के गांव खजूरी आंजना में ग्रामीण 1 किलोमीटर दूर से निजी कुओं से पानी लाने को मजबूर हैं। सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक ग्रामीण महिलाएं, युवा एवं छोटे बच्चे पानी लाने में ही व्यस्त रहते हैं। मामले में जिम्मेदार जलस्तर गिरने की बात कह रहे हैं।
ग्रामीण कारूलाल सोनी, परमेश्वर सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि तीन शासकीय कुएं में से दो में पर्याप्त पानी है, फिर भी 5 माह से नल नहीं आ रहे हैं। पंचायत से मात्र मवेशियों के पानी पीने की खेर भरी जाती है, जो महज 20 से 25 मिनट मोटर चलती है। उसी दरमियान ग्रामीण पानी भरते हैं लेकिन पूर्ति नहीं होती है। ग्रामीणों को 1 किलोमीटर दूर निजी कुओं से पानी लाना मजबूरी है। मई माह पूरा बीत चुका है, अब जून में और भयंकर गर्मी होगी, लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ेगा।
सरपंच प्रतिनिधि सत्यनारायण आंजना ने बताया कि पानी की कमी तो है लेकिन 2 घंटे रोज मोटर चलती है, चौराहे पर बनी खेर में पानी गिरता है। वहां से ग्रामीण पानी भरते हैं। पंचायत सचिव भंवरलाल डांगी का कहना है कि पीएचई विभाग से ट्यूबवेल की मांग की है, गांव के दोनों शासकीय कुएं से मोटर चलती है, जिससे ग्रामीण पानी भरते हैं। शरारती लोगों ने मोटर चलाने में काम आने वाली केबल भी चोरी कर ले गए, जिसकी रिपोर्ट अफजलपुर थाने में दर्ज करवाई है।
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