हर साल 15 दिन से अधिक चलने वाला तेंदूपत्ता तुड़ाई का काम इस साल 7 दिन में ही पूरा हो गया। इसकी वजह लॉकडाउन में घर लाैटे मजदूरों की मेहनत है। हर साल करीब 13 हजार मजदूर पत्ता तुड़ाई करते थे लेकिन इस साल हजारों मजदूर अन्य प्रदेशों से घर लौट आए हैं। एक साथ 17 हजार मजदूरों ने पत्ता तुड़ाई से सात दिन में लक्ष्य से अधिक काम कर लिया। मौसम अच्छा रहने से इस साल पत्ते की गुणवत्ता भी अच्छी बताई जा रही है। लॉकडाउन के कारण देरी से काम शुरू होने के बाद भी तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य पूरा हो गया।
बड़वाह डिविजन में 7 वन समितियों का 6 हजार 500 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य रखा गया था लेकिन यह मात्र सात दिनों में ही पूरा हो गया। कुछ समितियों में तो मात्र चार-पांच दिन में ही मजदूरों ने तेंदूपत्ता संग्रहण कर काम पूरा कर लिया था। पहले यह काम एक पखवाड़े में पूरा होता था। डीएफओ सीएस चौहान ने बताया बड़वाह डिविजन में 6 हजार 500 तेंदूपत्ते के संग्रहण का लक्ष्य रखा था। मजदूरों की मेहनत के कारण सात दिनों में लक्ष्य को पूरा करके 7 हजार 328 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रह किया गया। लॉकडाउन की स्थिति में तेंदूपत्ता मजदूरों के लिए हरे सोने से कम नहीं है।
बैंक के बजाय नकद भुगतान से मजदूरों की बदली स्थिति
तेंदूपत्ता संग्राहकों को पहले बैंक खाते में तेंदूपत्ता संग्रहण का भुगतान किया जाता था। इस साल मजदूरों की परेशानियों को देखते हुए नियमों में बदलाव किया और नकद भुगतान शुरू किया। इससे स्थिति बदली और मजदूरों का इस ओर रुझान भी बढ़ा। तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य से क्षेत्र के आदिवासी मजदूरों को रोजगार भी उपलब्ध हो गया।
यह है तेंदूपत्ता उत्पादक क्षेत्र
बड़ेल, कुंडिया, रामकुल्ला, बरझर, थरवर, मेहंदीखेड़ा, तरानीया व आसपास जंगल में तेंदूपत्ते के पेड़ बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। इन गांव में बसे ग्रामीणों को सालभर तेंदूपत्ता के सीजन का इंतजार रहता है।
7 समितियों से तुड़ाई कराई
बड़वाह डिविजन की 7 वन समितियों के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य किया।17 हजार मजूदरों को रोजगार मिला। पिछले साल के मुकाबले इस साल उत्पादन अच्छा होने का सीधा आर्थिक लाभ मजदूरों को मिलेगा। 70 फड़ों पर काम चला।
मजदूरों का किया बीमा, हादसे में मौत पर मिलेंगे दो लाख रुपए
इस काम में लगे मजदूरों का बीमा भी शासन द्वारा किया गया है। सामान्य मृत्यु पर 10 हजार रुपए शासन द्वारा दिए जाएंगे। किसी दुर्घटना के तहत मजदूर की मौत होने पर 2 लाख रुपए की राशि श्रमिक पंजीयन अंतर्गत दी जाएगी। मजदूरी करते समय स्थाई अपंग होने पर एक लाख की राशि मजदूरों को दी जाएगी।
6500 मानक बोरा तेंदूपत्ता का लक्ष्य।
7328 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण।
17 हजार मजदूरों को रोजगार दिया।
07 दिन में लक्ष्य हासिल हुआ।
02 करोड़ की राशि मजदूरों को प्राप्त होगी।
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