नगर में कोरोना महामारी के चलते 2 महीने तक सुनसान रहे बाजार में अब फिर से रौनक लौटने लगी है। लाॅकडाउन के चलते जहां व्यापारी परेशान थे। वहीं लोगों को भी जरूरी सामान के लिए परेशानी उठानी पड़ी लेकिन अब बाजार सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुल रहा है। इससे यहां दिनभर खासी चहल-पहल रहने लगी है। वहीं दो माह तक सुनसान रही सड़कें भी अब वाहनों की आवाजाही बढ़ने से व्यस्त रहने लगी हैं।
बाजार में नगर सहित आसपास के 40 गांव के लोग खरीदी करने पहुंच रहे हैं। इससे यहां दिनभर भीड़भाड़ की स्थिति बन रही है।
हालांकि दुकानदार और ग्राहक अपने स्तर पर कोरोना के चलते सावधानी भी बरत रहे हैं। कई छोटे व्यापारी अपने व्यापार के लिए परेशान नजर आ रहे हैं तो कई किसान अपनी जरूरत की पूर्ती करते दिख रहे हैं। दरअसल गेहूं खरीदी लेट होने से फसल का भुगतान भी किसानों को देर से मिला है। इससे किसानों के कई काम रुके हुए थे। अभी खेतों में गर्मी की बोवनी शुरू होते ही दुकानों पर चलह-पहल बढ़ गई है। अभी अधिकांश भीड़ खाद, बीज की दुकानों पर व बिल्डिंग मटेरियल की दुकानों पर हो रही है। अन्य जरूरत की दुकानों पर भी भीड़ दिख रही है।
होटल बंद होने से व्यापारी व लोग हो रहे परेशान
लॉकडाउन 4.0 में मिली छूट में होटल व ढाबे खोलने की छूट नहीं दी गई है। इससे होटल व्यवसायी परेशान हो रहे हैं। कई लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो रहा है। वहीं कई लोग सफर के दौरान होटल व ढाबे बंद होने से परेशान होते दिख रहे हैं। यहां काम करने वालों को भी रोजी-रोटी का संकट बना हुआ है। उनके यहां काम करने वाले कारीगर, लेबर भी परेशान हैं। कई व्यापारी तो सुबह 7 बजे दुकान खोलते हैं और 2 बजे बंद कर देते हैं।
दोपहर बाद बंद हो रही कई दुकानें
गर्मी व तेज धूप के कारण कई दुकानदार दोपहर 2 बजे के बाद दुकानें बंद कर रहे हैं। दरअसल दोपहर में बाजार में न तो ग्राहक नजर आते हैं और ना ही कोई धंधा होता है। इधर शाम होते-होते 7 बजे दुकान बंद करने का समय हो जाता है। देखा जाए तो कुछ घंटों के लिए ही दुकानें खुल रही हैं। ग्राहक भी सुबह और शाम को ही नजर आते हैं। दोपहर में लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं।
ऑटोपार्ट्स की दुकानों पर नजर नहीं आ रहे ग्राहक
ऑटोपार्ट्स की दुकानों पर भीड़ कम नजर आ रही है। कई व्यापारी अभी भी हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं कि ग्राहक आएंगे लेकिन रुपए नहीं होने के कारण लोग भी परेशान से नजर आ रहे हैं। मजदूर वर्ग 500 रुपए के लिए घंटों बैंकों की लाइन में लग रहे हैं। ताकि कुछ रुपए मिले तो घर के राशन का काम हो सके। कई गरीब परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा है। शासन ने कुछ राहत के तौर पर गेहूं चावल तो दिए हैं लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है। वर्तमान में जरूरत की चीजों के लिए किराना, फल, सब्जी आदि दुकानों पर भीड़ सुबह से देखी जा रही है।
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