ग्रेसिम उद्योग में कार्यरत 3100 ठेका श्रमिकों का सालाना दुर्घटना बीमा की प्रीमियम राशि का भुगतान प्रबंधन ने बीमा कंपनी को कर दिया है। जानकारी संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा में शामिल श्रम संगठन एचएमएस के पदाधिकारी जगमालसिंह राठौड़ ने मीडिया को जारी बयान में दी है।
राठौड़ ने बताया बुधवार को प्रबंधन और मोर्चा में शामिल यूनियन पदाधिकारियों के साथ चर्चा में प्रबंधन की ओर से ग्रेसिम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष वाय.एस. रघुवंशी ने उन्हें ठेका श्रमिकों सहित लगभग 1750 स्थाई श्रमिकों के दुर्घटना बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान करने की जानकारी दी है। इस बीमा में दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। प्रति बीमा उद्योेग ने 316 रु. की प्रीमियम का भुगतान बीमा कंपनी इफको टोकियो कंपनी को किया है। गौरतलब है कि शुक्रवार काे सहायक श्रमायुक्त मेघना भट्ट श्रमिकों और प्रबंधन के बीच गहराए गतिरोध को सुलझाने यहां पहुंच रही है। इससे पहले ही प्रबंधन ने दो बड़े मुद्दों का निराकरण कर सकारात्मक रुख दिखाया है। अब महज लॉकडाउन अवधि में लगभग 90 ठेका श्रमिकों को वेतन भुगतान नहीं करने का मसला ही शेष रहा है। इस पर शुक्रवार को त्रि-स्तरीय बैठक में चर्चा होगी। बैठक में प्रबंधन, सहायक श्रमायुक्त के अलावा ठेका श्रमिकों का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ठेका श्रमिकों के दुर्घटना बीमा प्रीमियम राशि का भुगतान करने का दबाव ठेकेदारों पर प्रबंधन बना रहा था। इसके लिए ठेकेदार राजी नहीं थे। उनका कहना था कि अगर वे प्रीमियम का भुगतान करेंगे तो वो राशि पूर्व की तरह ही श्रमिकों के वेतन से काटेंगे। इसे लेकर गतिरोध से बीमा पॉलिसी रिन्यू नहीं हो पा रही थी।
इस माह के अंत तक श्रमिकों
को बांट दिया जाएगा ग्रेन लोन
राठौड़ ने बताया अप्रैल में स्थाई श्रमिकों को मिलने वाला ग्रेन लोन अब इस माह के अंत तक श्रमिकों को बांट दिया जाएगा। हालांकि मोर्चा ने इस माह के वेतन के साथ 10 जून को ग्रेन लोन बांटने का अनुरोध प्रबंधन से किया था। मगर कैश फ्लो की समस्या के कारण ग्रेसिम ने इस माह के अंत तक हर स्थाई श्रमिक को 8500 रु. गेहूं खरीदने के लिए लोन के रूप में देने पर सहमति दी है। यह राशि बाद में 10 किस्तों में श्रमिकों के वेतन से काटी जाएगी।
उद्योग परिसर में बैठक रखने पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी ने बताया शुक्रवार को सहायक श्रमायुक्त के साथ बैठक ग्रेसिम उद्योग परिसर में रखी है, जो अनुचित है। इसके पहले कमलनाथ सरकार में हर बार सरकारी रेस्ट हाउस में चर्चा की गई है। प्रदेश सरकार के आला अधिकारी उद्योग प्रबंधन के मेहमान नवाजी का लुत्फ उठा कर उद्योग परिसर में ही मध्यस्थता की बैठक करेंगे तो वह किस प्रकार श्रमिकों के साथ न्याय कर पाएंगे, यह प्रश्न श्रमिकों के मध्य चर्चा का कारण बन गया है।
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