6 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण में निकलने वाली महाकाल की सवारी में श्रद्धालु नहीं होंगे। उन्हें सवारी मार्ग से 100 मीटर दूर ही रास्ते ब्लॉक कर रोक दिया जाएगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे
घर पर सोशल मीडिया और ऑनलाइन सुविधाओं पर दर्शन करें।
कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार सवारी के दर्शन के लिए कोई भी श्रद्धालु सवारी मार्ग पर नहीं आएगा। सवारी मार्ग से जुड़े सभी रास्ते 100 मीटर पहले से ब्लॉक कर दिए जाएंगे। शहरी आवागमन चालू रहेगा। बाहरी मार्ग भी आवागमन के लिए खुले रहेंगे। सिंह ने शहर के नागरिकों व श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे सवारी के दर्शन के लिए नहीं आएं। अपने घर से ही ऑनलाइन सुविधाओं के माध्यम से सवारी का दर्शन करें। समिति ने कावड़यात्राओं पर रोक लगा दी है। कोई भी कावड़यात्रा शहर में प्रवेश नहीं करेगी। इन्हें रोकने के लिए जिले की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। श्रावण के हर रविवार को होने वाला श्रावण महोत्सव भी निरस्त कर दिया है। महोत्सव में देश के ख्यात कलाकारों की शास्त्रीय गायन, वादन, नृत्य आदि की प्रस्तुतियां होती है। इसे निरस्त कर दिया है।
तीन सवारी के बाद समीक्षा होगी
मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर सिंह ने बताया कि तीन सवारी नए रूट पर ही निकलेंगी। इसके बाद समीक्षा की जाएगी। यदि शहर में कोरोना संक्रमण को रोकने में कामयाबी मिल जाती है तो पारंपरिक मार्ग पर भी सवारी निकाली जा सकती है।
सवारी का यह क्रम रहेगा
सवारी में सबसे आगे उद्घोषक वाहन, तोपची (कड़ाबीन), भगवान महाकाल का ध्वज, घुड़सवार सेना, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैंड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाड़ू वाहक रहेगा। व्यवस्था में लगने वाले कर्मचारी सीमित संख्या में रहेंगे। मुख्य द्वार पर सशस्त्र बल महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देगा।
सवारी में तैनात होने वालों की अनुमति से पहले मेडिकल जांच होगी
महाकालेश्वर की सवारी में तैनात होने वाले अमले का पहले चुनाव होगा। चुने गए अधिकारी कर्मचारी की मेडिकल जांच होगी। इसके बाद ही उन्हें अनुमति पत्र दिए जाएंगे। प्रशासन के पास सवारी में तैनात हरेक व्यक्ति का ब्यौरा रहेगा। उन्हें हिदायत दी जाएगी कि सवारी के दौरान वे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने के नियमों को पूरी तरह पालन करें। सवारी में कुल जमा 50 लोगों को तैनात करना तय हुआ है। यह संख्या कम-ज्यादा भी हो सकती है। सवारी में तैनात होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची बनाई जा रही है। इसी तरह मंदिर परिसर की व्यवस्था में तैनात होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को भी सूचीबद्ध कर सभी का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। सवारी में शामिल पालकी, रथ और अन्य उपकरणों को सैनिटाइज करेंगे। सवारी मार्ग को भी सैनिटाइज किया जाएगा।
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