शासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति का पर्व महेश नवमी मनाई। समाजजनों ने अपने घरों में भगवान महेश की पूजा-अर्चना व अभिषेक किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई ऑनलाइन प्रतियोगिता में जिले के माहेश्वरी समाज के प्रतिभागियों ने सहभागिया की। पर्व पर समाजजनों ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए शासन-प्रशासन के निर्देशों का पालन करने, जरुरतमंद गरीबों की मदद करने का संकल्प लिया।
समाज की महिलाओं ने बताया महेश नवमी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इसी दिन भगवान भोलेनाथ की कृपा से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी। भगवान ने अपना नाम माहेश्वरी समाज को दिया। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बड़े स्तर पर आयोजन न करते हुए अपने घरों पर ही पूजा-अर्चना की। सोशल मीडिया के माध्यम से समाजजनों व रिश्तेदारों को संदेश प्रेषित किए गए। परिजनों ने अपने बच्चों को भगवान महेश व माता गोरा की वेशभूषा में तैयार कर उन्हें समाज की रीति रिवाजों अाैर संस्कृति की जानकारी दी। समाजसेवी रामकृष्ण माहेश्वरी ने समाजजनों से मूकप्रणियों के लिए भोजन पानी की नियमित व्यवस्था अपने घर आंगन में करने का आह्वान किया। परिसर में बौद्धिक व धार्मिक प्रतियोगिता के साथ भगवान महेश व माता गौरा की वेशभूषा में परिवार के बच्चों का पूजन आरती, भजन कीर्तन के साथ आंगन में रंगोली व दीप लगाकर पर्व मनाया।
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