1 दिन राहत के बाद शुक्रवार को जिले में फिर 15 नए संक्रमितों मिले। इनमें से ज्यादातर शाजापुर, शुजालपुर, बेरछा के पड़ोसी गांवों के रहने वाले हैं। इसी के साथ जिले में सक्रमितो को आंकड़ा 216 हो गया। इनमें से एक्टिव 125 केस में 46 प्रतिशत लोग 26 से 44 साल की उम्र के हैं। चिंता इसलिए कि जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं , उनमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा में बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं। यदि टेस्टिंग नहीं होती तो इनकी पहचान ही नहीं हो पाती। हालांकि राहत वाली बात यह है कि आज शुक्रवार को 19 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए।
पिछले 1 सप्ताह से जिले में थोक से सामने आ रहे हैं संक्रमित की हिस्ट्री का एनालिसिस करने पर यह बात सामने आएगी अस्पताल पहुंचने से पहले तक संक्रमित व्यक्ति 5-7 लोगो तक वायरस पहुंचा देता है। पहचान होने के बाद संबंधित की कांटेक्ट हिस्ट्री क्या आधार पर फर्स्ट कांटेक्ट के आधार पर लोगों की पहचान भी होने लगी है। इधर, पॉजिटिव आ रहे मरीजों में से बगैर लक्षण वाले मरीजों की संख्या ज्यादा होने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि सिंपल जांच के बाद सामने आए इन मरीजों को खुद भी पता नहीं था कि वे संक्रमित हैं। ज्यादा टेस्टिंग से ही इनकी पहचान हो सकी।
शुक्रवार के 15 मरीजों को जोड़ने पर जिले में संक्रमित ओं की संख्या 216 हो गई। इनमें से 4 ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। 87 लोग स्वस्थ हो गए। ऐसे में फिलहाल जिले में एक्टिव केस 125 है। इनमें से 87 मरीज ऐसे हैं जिनमें कोरोना से लेकर अन्य किसी भी बीमारी के कोई लक्षण नहीं है। 31 अन्य संक्रमितों में भी सामान्य लक्षण ही दिख रहे हैं। हालांकि कुल संक्रमितों में 7 मरीज ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 से ऊपर है और कोरोना के साथ ही बीपी, शुगर सहित अन्य बीमारियो से पीड़ित हैं।
किल कोरोना अभियान शुरू हुआ तो सामने आने लगे मरीज
जिले में मरीजों की संख्या किल कोरोना अभियान से ही सामने आई। इसके तहत घर घर पहुंची टीम ने लोगांे की जांच की और सैंपल लेना शुरू किए तो नए मरीज सामने आने लगे। इस दौरान विभाग ने सैंपलों की संख्या भी बढ़ा दी। हर दिन 350 से 400 सैंपल लिए जाने लगे। ज्यादा सैंपलों को भेजने से ज्यादा संक्रमित सामने आना शुरू हो गए।
फर्स्ट कांटेक्ट में आने वालों में 60% लोग संक्रमित निकले
संक्रमितांे का आंकड़ा बढ़ते ही संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की विभाग ने सैंपलिंग शुरू कर दी। इनमें यह बात सामने आई कि संक्रमितों के फर्स्ट कांटेक्ट में आने वालों में से 60 प्रतिशत लोग संक्रमित निकले। इधर, कुछ लोग खुद ही बुखार व सर्दी, खांसी होने पर जांच कराने आगे आए।
अन्य बीमारी से पीड़ितों को रैफर
कुल संक्रमितों में से 7 लोग ऐसे सामने आए, जिनकी उम्र 60 के पार होने के साथ ही पहले से किसी ने किसी बीमारी से पीड़ित निकले। ऐसे लोगों को चिह्नित कर यहां से इंदौर व शुजालपुर से भोपाल रैफर करना शुरू कर दिया।
शहर व कस्बों से जुड़े गांवों में बढ़ा खतरा
शहरों से शुरु होने वाले संक्रमण का खतरा अब गांवों में बढ़ गया। खासकर शाजापुर, बेरछा, अकोदिया, शुजालपुर, कालापीपल व अन्य कस्बों से जुड़े गांवों में संक्रमण का खतरा बढ़ा है। शुक्रवार को भी बेरछा के पास उदली, मालीखेड़ी में भी संक्रमित मिले हैं।
सैंपलिंग बढ़ाकर पहचान कर रहे हैं
बगैर लक्षण वाले मरीजों से संक्रमण के फैलाव का ज्यादा डर रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सैंपलिंग बढ़ाकर मरीजों की पहचान की जा रही है। राहत वाली बात यह है कि पॉजिटिव मिलने वालों के फर्स्ट कांटेक्ट में ही ज्यादातर संक्रमित मिल रहे हैं। इस कारण संक्रमण का फैलाव बढ़ने से पहले ही उनकी पहचान हो जाती है।
- डॉ.पी.वी.फुलंबीकर, सीएमएचओ शाजापुर
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