स्वास्थ्य विभाग के फील्ड के अमले को एक साथ कई प्रोग्राम में लगाए जाने से कर्मचारियों पर काम का बोझ तो बढ़ा ही है। राष्ट्रीय प्रोग्राम में प्रगति भी नहीं दे पा रहे हैं। एक प्रोग्राम पूरा होने से पहले ही दूसरे अभियान में लगा दिया जाता है इससे कार्य की गुणवत्ता पर भी असर हो रहा है।
बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष एमआर मंसूरी का आरोप है कि अमले को अब तक यात्रा भत्ता नहीं मिलने से कर्मचारियों को अपने खर्च पर फील्ड में जाना पड़ रहा है। कोरोना अभियान में 10-10 हजार रुपए अतिरिक्त दिए जाने की बात कही गई थी लेकिन यह राशि भी अब तक नहीं दी गई है। जिले में राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान, मलेरिया कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत नसबंदी, राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम व एड्स नियंत्रण के साथ अब किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें फील्ड के अमले की सेवाएं ली जा रही है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि समय-समय पर चलने वाले राष्ट्रीय प्रोग्राम में फील्ड के अमले को लगाया जाता है। अभी कोरोना संक्रमण काल चल रहा है, जिसमें राष्ट्रीय प्रोग्राम के साथ ही मैदानी अमले की सेवाएं ली जा रही है।
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