ग्रीन जोन के करीब पहुंचने के बीच अनलॉक में बढ़ते मरीजों के चलते उज्जैन फिर रेड जोन में पहुंचा और अब 1000 मरीजों का आंकड़ा पार कर गया। मंगलवार को आई रिपोर्ट में 27 नए मरीज सामने आए। इससे कुल मरीजों का आंकड़ा 1024 पर पहुंच गया है। इसके साथ ही प्रदेश में उज्जैन टॉप फाइव पर आ गया है। 26 मई से 13 जून तक की स्थिति में हालात सुधरे थे, नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या कम सामने आने से 1000 पॉजिटिव मरीजों तक पहुंचने में 21 जुलाई तक का समय लग गया। नहीं तो आज की तारीख में उज्जैन 1200-1300 से ज्यादा मरीजों के पार पहुंच जाता। इन दिनों में हमारे यहां मरीज बढ़े, लेकिन 67 दिन में मृत्यु दर 20% से घटकर 7.97% पर पहुंच गई। शुरुआती दौर में खराब स्थिति से उबरते हुए उज्जैन जिले का रिकवरी रेट 92 प्रतिशत पर पहुंच गया है।दो कॉलोनी की 8 मरीज, कुल 27 सामने आए : सीएमएचओ डॉ महावीर खंडेलवाल ने बताया मंगलवार को 902 रिपोर्ट आई। इनमें 27 पॉजिटिव मिले। मंगलवार को 5 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं।
जुलाई के 9 दिन... 115 नए मरीज मिले, 19 ठीक होकर घर पहुंचे, मौत एक भी नहीं हुई
...अनलॉक के पहले स्थिति सुधरी फिर बढ़ने लगे मरीज
उज्जैन अनलॉक होने पर शुरुआती दौर में जरूर पॉजिटिव मरीज कमाए लेकिन उसके बाद जैसे-जैसे लोगों के कांटेक्ट बड़े पॉजिटिव मरीजों का हर दिन का आंकड़ा 10 से ज्यादा ही रहा। 13 जुलाई से अब तक की स्थिति ही देखें तो इन 9 दिनों में 115 नए मरीज मिल चुके हैं। जबकि ठीक 19 ही हुए। हालांकि मौतों का आंकड़ा थमा हुआ है।
टॉप थ्री से टॉप फाइव पर
उज्जैन शुरुआत में प्रदेश में टॉप थ्री पर था। अब टॉप फाइव पर है। मार्केट में निकल रहा है लोगों द्वारा सावधानी नहीं बरतने और कांटेक्ट बढ़ने से पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ सकता है। इंदौर व भोपाल शुरुआत से ही पॉजिटिव मरीजों के आंकड़े के मामले में पहले और दूसरे स्थान पर रहे। उज्जैन के बाद ग्वालियर, मुरैना व जबलपुर टॉप पर पहुंचे हैं। ग्वालियर में 50 से ज्यादा नए मरीज, मुरैना में 10 से ज्यादा मरीज पॉजिटिव आ रहे हैं।
मौतें दूसरी बीमारियों से भी
अब तक 71 मरीजों की मौत हुई है। इनमें में से 49 मरीजों की मौत कोरोना के साथ में दूसरी बीमारी जैसे डायबिटीज, हार्ट, अस्थमा, कैंसर, मोटापा की वजह से हुई है। कोरोना के साथ में मरीजों में दूसरी बीमारी होने से उनकी रिकवरी नहीं हो पाई।
शहर पर नया संकट भी
कोरोना के माइल्ड सिम्टोमेटिक मरीज भी सामने आने लगे
शहर में मरीजों की स्थिति पहले सिम्टोमेटिक (लक्षण वाले), एसिम्टोमेटिक (बिना
लक्षण वाले) के साथ ही अब माइल्ड सिम्टोमेटिक (ऐसे मरीज जिनमें हल्के लक्षण हैं) भी सामने आ रहे हैं। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है हाल ही में लगातार ऐसे मरीज मिल रहे हैं, जिन्हें हल्की सर्दी-बुखार है या अन्य लक्षण मामूली रूप से हैं। बिना लक्षण या कम लक्षण वाले मरीजों के
कारण ही आंकड़ा बढ़ रहा है। ऐसे लोग जब किसी के संपर्क में आते हैं, तो सामने वाला अलर्ट नहीं हो पाता है।
मौत ऐसे रुकी... 100 बेड का कोविड-19 माधव नगर हॉस्पिटल शुरू किए जाने से और यहां पर मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज शुरू करने से तथा ऑक्सीजन थेरेपी चालू करने से काफी हद तक मौतें रुकी हैं। नई एंटीवायरल दवाइयां देने से जल्द रिकवरी हो रही है।
...और ये हमारे लिए सुखद
उज्जैन का रिकवरी रेट 92 %, जो देश में सबसे अच्छा है
नागदा/उज्जैन | कोरोना संक्रमण पर एनालिसिस और सजेशन रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉ. संजीव कुमरावत के अनुसार आईडीएसपी और वर्ल्डओ मीटर की रिपोर्ट के अध्ययन में यह सामने आया है कि कोरोना संक्रमण पर उज्जैन ने तेजी से काबू पाया है। डाॅ. कुमरावत के अनुसार यदि ओवरऑल उज्जैन जिला देखें तो 29 जून तक कुल 865 मरीजों का इलाज किया गया। इनमें 796 मरीज स्वस्थ्य हुए हैं। यानी उज्जैन का रिकवरी रेट 92 प्रतिशत है। नेशनल लेवल पर 29 जून तक कुल 6 लाख 74 हजार 312 मरीजों में से 4 लाख 9 हजार 83 मरीज स्वस्थ्य हुए। यानी नेशनल लेवल पर रिकवरी रेट 60.66 प्रतिशत है, जबकि उज्जैन का 92 प्रतिशत है। उज्जैन के कुल 865 मरीजों मे से 69 मरीजों की मृत्यु हुई है, यानी मृत्यु दर 7.97 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 2.86 प्रतिशत है।
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