नगर पालिका ने नदियों के शुद्धिकरण और शहर के ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए इस साल के शुरुआत में जनवरी 2020 में शहर के नालों पर जगह-जगह ऑस्ट्रेलियन पैटर्न पर जालियां लगवाई थीं। नगरपालिका ने विदेश की तर्ज पर जालिया तो लगवा ताे ली, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं हाेने के कारण यह जालियां अाैर इसमें लगी लाेहे की रिंग गायब हो चुकी हैं। अब बारिश में ड्रेनेज की गंदगी और कचरा सहित पानी सीधे माचना नदी में मिल रहा है। नालों के गंदे पानी के साथ बहने वाले ठोस पदार्थ भी फिल्टर नहीं हो पा रहे हैं। हानिकारक पदार्थ प्लास्टिक और ठोस कचरा भी सीधे नदी में पहुंच रहा है। नगरपालिका की प्लानिंग थी कि जालियों से समय-समय पर ठोस कचरा निकालकर जालियों को साफ किया जाएगा, लेकिन जालियों के चोरी होने के कारण यह नहीं हो पा रहा है। वहीं नपा के अधिकारियों का जवाब है कि अधिकांश जगह जालियां चोर ले गए हैं। अब दोबारा जालियां लगवाईं जाएंगी।
5 किलोमीटर हाथी नाले पर एक भी जाली नहीं
हाथीनाला शहर का सबसे बड़ा और लंबा नाला है। मोक्ष धाम के समीप खंजनपुर से निकलकर यह नाला कर्बला घाट के समीप माचना नदी में मिलता है। इस नाले पर खंजनपुर समेत गंज मोक्षधाम के पास जालियां लगाईं गईं थी जो अब गायब हैं।
4 करोड़ ली. पानी रोजा निकलता है शहर से
शहर में 23000 मकान हैं। इन मकानों से रोजाना चार करोड़ लीटर पानी निकलता है। जो नालों के जरिए माचना में मिलता है। इस पानी में मिली गंदगी इसके साथ नदी में मिल जाती है।
गेंदा चौक नाले की जालियां भी गायब
आजाद वार्ड, आर्यपुरा से होते हुए गेंदा चौक से गुजरने वाले नाले पर भी गेंदा चौक के समीप पुलिया के समीप जालियां लगाई थी। अब ये जालियों पूरी तरह नदारद हैं।
शहर के सबसे बड़े हाथी नाले पर गंज अंडर ब्रिज के समीप नगर पालिका ने जनवरी में ड्रेनेज वॉटर फिल्टर प्लेटफॉर्म बनाया था। प्लेटफार्म में चार बड़ी जालियां लगाई गईं थी। यह चारों जालियां नदारद हैं इस कारण पानी फिल्टर नहीं हो पा रहा है। यह पानी अब सीधा नाले से होता हुआ गंदगी सहित माचना नदी में मिल रहा है।
4 साल बाद भी नहीं बन पाया ट्रीटमेंट प्लांट
2016 में नपा ने कर्बला घाट पर ड्रेनेज सिस्टम ठीक करने के लिए हाथी नाले पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की प्लानिंग की थी। ट्रीटमेंट प्लांट अब तक नहीं बनवाया गया है। विकल्प के रूप में नालाें पर जालियां लगाईं थीं।
नगरपालिका चोरी होने का दे रही हवाला
नगर पालिका इन जालियों के चोरी हाे जाने का हवाला दे रही है। जालियां कई जगहों पर चोरी जाने की सूचना फरवरी में ही मिल गई थी, बावजूद इसके नई अाज तक नहीं लगाई गई है।
ठोस कचरा रोकना जरूरी: नपा ने सूखे गीले कचरे को अलग करने की व्यवस्था कर दी। लेकिन नालाें से बहने वाले ठोस अवशिष्ट हटाने के लिए जाली नहीं लगाई हैं।
जालियां दाेबारा लगाने की व्यवस्था कर रहे हैं
नालों पर जगह-जगह गंदे पानी में मिले ठोस कचरे को रोकने के लिए हमने जालियां लगवाई थीं। अधिकांश जगह जालियां चोर ले गए हैं। जिन जगहों पर जालियां नहीं हाेंगी वहां दोबारा जालियां लगवाने की प्लानिंग की जाएगी।
-नीरज धुर्वे, एई, नगरपालिका, बैतूल
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